मुंबई : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बॉलीवुड (Bollywood) फिल्म (Film) ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ (Gangubai Kathiawadi) की रिलीज (Release) पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका (Petition) को खारिज (Dismissal) करते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या यह फिल्म कानून के दायरे के भीतर एक कलात्मक अभिव्यक्ति है। संजय लीला भंसाली की ‘भंसाली प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा निर्मित और आलिया भट्ट अभिनीत यह फिल्म शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की पीठ ने बाबूजी रावजी शाह की याचिका खारिज कर दी, जो गंगूबाई के दत्तक पुत्र होने का दावा करते हैं। यह फिल्म कथित तौर पर गंगूबाई के जीवन पर आधारित है। बाबूजी रावजी शाह ने मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने गुरुवार को याचिका खारिज किया था। आज (शुक्रवार) अपलोड किए गए विस्तृत आदेश में कहा गया है, कि ऐसी कोई सामग्री नहीं है।
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जो यह साबित कर सके कि याचिकाकर्ता परिवार का सदस्य या गंगूबाई का करीबी रिश्तेदार है। आदेश में कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता का तर्क यह है कि गंगूबाई की जिस कहानी को चित्रित किया गया है वह असत्य, अस्पष्ट और भौतिक विवरणों से रहित है। किसी भी मामले में, कहानी सही है या गलत, इसका फैसला जांच के बाद अदालत करेगी।’
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आदेश में कहा गया है, ‘सीबीएफसी द्वारा जारी किया गया फिल्म प्रमाण पत्र प्रथम दृष्टया दर्शाता है कि फिल्म मानहानिकारक नहीं है। प्रथम दृष्टया, ऐसा लगता है कि फिल्म कानून के मानकों के भीतर एक कलात्मक अभिव्यक्ति है।’ (एजेंसी)