Dileep
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    मुंबई : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने बृहस्पतिवार को अपराध शाखा (Crime Branch) से पूछा कि अभिनेता (Actor) दिलीप (Dileep) और अन्य द्वारा 2017 में अभिनेत्री पर हमला मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकाने और मारने की कथित साजिश का खुलासा करने में बालचंद्र कुमार की ओर से लगभग चार साल की देरी क्यों की गई और क्या यह उनके ‘गलत मंशा’ रखने की तरफ इशारा करती है। न्यायमूर्ति जियाद रहमान एए ने जांच एजेंसी से सवाल किया, ‘साजिश के खुलासे में देरी को लेकर वह (बालचंद्र कुमार) क्या सफाई देंगे? उनके पास शुरुआत से ही रिकॉर्डिंग थी।

    वह पूरे समय आरोपी परिवार के करीब थे। क्या यह बालचंद्र कुमार की तरफ से गलत मंशा रखने का इशारा नहीं करता है?’ हत्या की साजिश से जुड़ी प्राथमिकी को रद्द करने या मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग करने वाली अभिनेता की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने जांच एजेंसी का प्रतिनिधित्व कर रहे अभियोजन महानिदेशक (डीजीपी) टीए शाजी और अतिरिक्त लोक अभियोजक पी नारायणन के सामने ये सवाल रखे। अदालत के सवालों का जवाब देते हुए डीजीपी ने कहा कि देरी की वजहों की जांच की जाएगी और इसकी बड़ी वजह अभिनेता से कुमार की करीबी हो सकती है।

    डीजीपी ने यह भी कहा कि कुमार का किरदार इस मामले से जुड़ा नहीं था, क्योंकि उनके बयानों की पुष्टि की गई थी और मामले को आगे बढ़ाने का फैसला करने से पहले 18 अलग-अलग बिंदुओं पर उनकी विश्वसनीयता का परीक्षण किया गया था। उन्होंने कहा, ‘जांच दल इस आधार पर आगे नहीं बढ़ा कि वह (कुमार) सच कह रहे थे।’ डीजीपी ने यह भी तर्क दिया कि ताजा मामले में आरोपी ने उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार फोन को सौंपने से पहले उसमें मौजूदा सारा डाटा डिलीट कर दिया था। (एजेंसी)