मुंबई: गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर मानहानि के मामले को स्थानांतरित करने के लिए कंगना रनौत ने डिंडोशी सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था। खबरों के मुताबिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीधर भोसले ने 25 फरवरी को याचिका पर सुनवाई की और अदालत ने अभिनेत्री के आवेदन को 9 मार्च तक सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट अब 9 मार्च को इस पूरे मामले की सुनवाई करेगा।
जनवरी में कंगना ने सत्र अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए एक नई याचिका दायर की थी, जिसमें अभिनेत्री ने उनकी सभी कानूनी कार्यवाही को स्थानांतरित करने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि अंधेरी अदालत ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है। इस कारण वह अपने केस को मुंबई से स्थानांतरित करना चाहती है। अभिनेत्री ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट से यह कहते हुए संपर्क किया था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘जमानती, गैर-संज्ञेय और कंपाउंडेबल’ हैं। कंगना ने आरोप लगाया कि अंधेरी कोर्ट ने उसके मुकदमे से पहले ही उसकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने के लिए ‘शक्ति का दुरुपयोग’ किया है।
कंगना की याचिका पर जवाब में जावेद अख्तर के वकील जय के भारद्वाज ने कहा था कि उनका मकसद सिर्फ याचिकाएं दायर करके कार्यवाही में देरी करना और उनके मुवक्किल को परेशान करना है जो वरिष्ठ नागरिक होने के बावजूद अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हो रहे हैं।
बता दें, जावेद अख्तर ने नवंबर 2020 को कंगना रनौत पर आरोप लगता था कि उन्होंने टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में अपमानजनक और निराधार टिप्पणी की थी। इसके बाद जावेद अख्तर ने अभिनेत्री के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की थी। अभिनेत्री ने जबरन वसूली और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए एक जवाबी शिकायत दर्ज की।