-सीमा कुमारी
साल 2020 में शरद पूर्णिमा या आश्विन पूर्णिमा 30 अक्टूबर दिन शुक्रवार को है. पहले जानते है शरद पूर्णिमा किसको बोलते है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को कहते हैं. शरद पूर्णिमा, जिसे को जागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं. ज्योतिष के अनुसार, पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है.
हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया है. इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं. इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था. ऐसा माना जाता है की इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झड़ता है. इसलिए इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी में रखने का विधान है. जिसे सुबह प्रसाद के रूप में खाया जाता है. जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है.
खीर बनाने के लिए सामाग्री:
- 150 ग्राम चावल
- 2 लीटर गाय का दूध
- 150 ग्राम चीनी
- 4-5 पिसी हुई इलायची
- 10-12 बादाम कटे हुए
- 10-12 काजू कटे हुए
- 30-40 केसर के धागे
खीर बनाने की विधि:
सबसे पहले आप दूध को धीमी आंच पर गरम करें. जब तक दूध गरम हो तबतक चावल को अच्छे से धो लें. चावल धोने के बाद इसे 10-15 मिनट तक पानी में भिगोकर रखें. जैसे ही दूध में उबाल आए, उसमें चावल डाल दें और थोड़ी-थोड़ी देर में इसे चलाते रहें. 15-20 मिनट बाद खीर में कटे हुए काजू और बादाम डालें, अब मध्यम आंच पर 12-15 मिनट तक पकाएं. खीर गाढ़ा होने के बाद इसमें केसर मिला हुआ दूध डालें. इसके बाद इलायची पाउडर डालने के बाद इसे अच्छी तरह से मिलाये और 10 मिनट और पकाएं. और इसमें चीनी मिलाएं. चीनी घुलने तक धीमी आंच पर 2 मिनट तक पकाएं. अब आपका खीर बन कर तैयार है.