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    अहेरी: अहेरी तहसील के आखरी छोर पर बसे व्यंकटापुर गांव के नागरिकों को इन दिनों में पिने के पानी के लिये अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गांव में जलापुर्ति योजना बंद होने के कारण एकमात्र हैंन्डपंप के पानी से प्यास बुझानी पड़ रही है. बता दे कि, इस गांव की जनसंख्या करीब 1 हजार 200 होकर सभी ग्रामीण   गांव के मुख्य चौक स्थित एक ही हैन्डपंप से प्यास बुझाने के लिये मजबूर हो गये है.

    विशेषत: कडी धुप में भी ग्रामीणों को हैन्डपंप पर लंबी कतार लगानी पड़ रही है. लेकिन बंद पड़ी जलापुर्ति योजना शुरू करने में प्रशासन और ग्राम पंचायत ध्यान नहीं देने के कारण व्यंकटापुर के ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ग्रामीणों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है. जिससे तत्काल बंद पड़ी जलापुर्ति योजना शुरू करने की मांग ग्रामीणों ने की है. 

    5 वर्षो से बंद पड़ी है पानी की टंकी 

    व्यंकटापुर ग्राम पंचायत अंतर्गत गांव के नागरिकों को शुध्द पिने का पानी मिले, इसलिये पांच वर्ष पहले गांव में जलापुर्ति योजना कार्यान्वित करते हुए नल योजना व पानी की टंकी का निर्माण किया गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. लेकिन निर्माणकार्य पूर्ण के बाद केवल 5  दिन ही लोगों को जलापुर्ति योजना का लाभ मिला.

    जिसके बाद से यहां जलापुर्ति योजना बंद होकर पिछले 5 वर्षो की पानी की टंकी बंद अवस्था में है. पानी की टंकी का उदघाटन करते समय जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की समस्या हल करने को प्राथमिकता देने की बात कही. लेकिन  पिछले 5 वर्षो से पानी की टंकी व जलापुर्ति योजना बंद होने के बावजूद भी कोई जनप्रतिनिधि इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली के प्रति तीव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है. 

    ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी 

    इस गांव का विकास करने के लिये गांव में पांच वर्ष पहले जलापुर्ति योजना कार्यान्वित की गई थी. इसके लिये गांव में पानी की टंकी का निर्माण किया गया था. लेनिक इस योजना का लाभ ग्रामीणों को केवल 5 ही दिन मिला. जिसके बाद योजना में खराबी आने के कारण गांव में जलापुर्ति बंद हो गयी है. अब पांच वर्षो की कालावधि पूर्ण हो गयी है. इस कालावधि में ग्रामीणों ने अनेक बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण कराया.

    मात्र इस  समस्या का कोई गंभीरता से संज्ञान लेते नहीं दिखाई दे रहा है. जिसके कारण पिछले पांच वर्षो से ग्रामीणों को ग्रीष्मकाल के दिनों में पानी के लिये दर-दर भटकने की नौबत आन पड़ी है. जिससे तत्काल बंद पड़ी जलापुर्ति योजना शुरू नहीं की गई तो तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी ग्रामीणों ने दी है.