वनजमीन के लिए एकजुट हुये 3 ग्राम के भूमिहीन

  • बरसात में वन अधिकारियों से आविसं पदाधिकारियों की चर्चा

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सिरोंचा. तहसील के पोचमपल्ली, कोठा और कोठा माल गांव प्राणहिता नदी के किनारे बसे है। प्रतिवर्ष प्राणहिता नदी में आने वाली बाढ से तीनों गांव के सैकडों नागरिकों को दूसरे जगह पर स्थानांतरित किया जाता है। इससे नागरिकों को प्रतिवर्ष भारी असुविधा होती है। इसलिए आज शुक्रवार को तीनों गांव के सैकडों नागरिकों ने घर निर्माण के लिए वनजमीन उपलब्ध कराने की मांग के लिए एकजुट होकर वनजमीन पर अतिक्रमण शुरु कर दिया। किंतु वनविभाग के अधिकारियों के समझाने के बाद ग्रामवासी संतुष्ट होकर अपने गांव को लौट गये।

गांव के कुछ राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वनाधिकारी और पटवारियों से सांठगांठ कर जंगल की बीसियों एकड वन जमीन अपने नाम कर ली है। इसकी भनक लगते ही तीनों गांव के भूमिहीन नागरिकों ने संगठित होकर वनजमीन पर अतिक्रमण करने एकजुट हुये। सूचना मिलते ही बामनी वनपरिक्षेत्र के वन अधिकारी और वनरक्षकों ने भूमिहीन नागरिकों को रोककर उन्हे समझाने का प्रयास किया। किंतु अतिक्रमण धारक सुनने को तैयार नहीं थे। मध्यस्तता के लिए अतिक्रमण धारकों ने आविस के पदाधिकारियों को घटनास्थल पर बुलाया। इस अवसर पर आदिवासी विद्यार्थी संगठना के तहसील अध्यक्ष बानय्या जंगम, सलाहकार रवि सल्लम ने ग्रामीण और वनअधिकरियों के बीच मध्यस्ती कर वन अधिकारियों से चर्चा की।

चर्चा के दौरान बामनी वनपरिक्षेत्र अधिकारी गौरकर और वनपाल मेश्राम  ने मकान निर्माण के लिए वनजमीन उपलब्ध कराने वनहक्क समिति के माध्यम से निवेदन करने और वनजमीन पर अतिक्रमण रद्द करने का भरोसा दिया। जिसके बाद तीनों गांव के सैकडों नागरिक संतुष्ट होकर अपने गांव की ओर प्रस्तान किया।