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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    आरमोरी. आरमोरी नगर परिषद में कार्यरत 70 सफाई कामगारों को काम से निकाले जाने के कारण उनपर भुखों मरने की नौबत आन पड़ी है. कोरोना के इस दौर मेंं दूसरा कोई रोजगार नहीं मिल रहा है. जिससे कामगारों पर भुखों मरने की नौबत आन पड़ी है.

    जिससे नगर परिषद द्वारा निकाले सभी कामगारों को काम पर वापिस लेने की मांग को लेकर आगामी 16 जून को 70 सफाई कामगार अपने परिवारों के साथ चक्काजाम आंदोलन करेंगे, यह आंदोलन में शिवेसना के पूर्व जिलाप्रमुख सुरेंद्रसिंग चंदेल, अविनाश गेडाम, कांग्रेस आदिवासी सेल के दिलीप घोड़ाम, प्रहार के तहसील अध्यक्ष निखिल धार्मिक के नेतृत्व में किय जाएगा, ऐसी जानकारी आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अन्यायग्रस्त सफाई कामगारों ने दी है. 

    3 माह से कामगारों पर अन्याय जारी 

    पिछले तीन माह से 70 कामगारों को नगर परिषद द्वारा काम से निकाला गया है. इसी बीच 9 अपै्रल को आंदोलन  किया गया. बावजूद इसके नप के मुख्याधिकारी, अभियंता और संबंधित ठेकेदार ने कामगारों की मांगों की ओर बेध्यानी की. जिससे पिछले 3 माह से सफाई कामगारों पर भुखों मरने की नौबत आन पड़ी है.

    बता दे कि, ठेकेदार ने सफाई कामगारों को वेतन न देते हुए काम से निकाला है. इस संदर्भ में मुख्याधिकारी व संबंधित विभाग के अभियंता से न्याय मांगने पर वह भी ध्यान नहीं दे रहे है. मुख्याधिकारी कामगारों का वित्तीय शोषण करनेवाले ठेकेदार पर कार्रवाई करने के बजाय ठेकेदार की बाजु लेते हुए कामगारों की गलती होने का झुठी रिपोर्ट तैयार की है. 

    यह है कामगारों की मांगे

    नगर परिषद द्वारा 3 माह पहले काम से निकाले गये भी कामगारों को काम पर वापिस लेने, आरमोरी नगर परिषद के सफाई कामगारों को किमान वेतननुसार बेैंक के माध्यम से वेतन देने, सफाई कामगारों को भविष्य निर्वाह निधि व बिमा निकालने, नप के मुख्याधिकारी व संबंधित विभाग के अभियंता पर निलंबन की कार्रवाई करने आदि गांवों का समावेश है.

    संवाददाता सम्मेलन में दिलीप घोड़ाम, पुरूषोत्तम बलोदे, अक्षय भोयर, स्वप्रील राऊत, रेखा कांबले, रीना बांबोले, वर्षा खेड़कर, वर्षा गुरनुले, वनिता बोरकर, अविनाश उके, भाऊराव दिवटे, हरिदास गराडे, साधना गजभिये, रमेश भोयर, गुणवंत रामटेके, उमेश रामटेके, तुकाराम बावणे, उमेश खोब्रागड़े, दशरथ दुमाने समेत बड़ी संख्या में अन्यायग्रस्त सफाई कामगार उपस्थित थे.