पोहार नदी से रेत का उत्खनन करनेवालों पर कार्रवाई करे

  • शिवसेना के शहर प्रमुख यादव की मांग
  • जिलाधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

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गडचिरोली. जिले के रेतीघाटों की निलामी नहीं हुई है. छत्तीसगढ से रेती लाने का दिखाकर पोहार नदीपात्र से रेती की अवैध रूप से उत्खनन करनेवालों ठेकेदार पर कार्रवाई करे, ऐसी मांग शिवसेना के शहर प्रमुख रामकिरीत यादव ने जिलाधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन से की है. 

जिले के रेतीघाटों की निलामी नहीं हुई है. जिससे अवैध रूप से लाएं गए रेती के दाम आसमान छू रहे है. आम लोगों को इतनी महंगी रेत खरीदना संभव नहीं होने से उनका निर्माणकार्य प्रलंबित है. ऐसे में रेती माफीया प्रशासन के आंखों में धुल झोंककर रेती की तस्करी कर रहे है. जिले में रेती की रॉयल्टी बंद होने के बावजूद भी छत्तीसगढ से रेती लाने का दिखाकर प्रशासन की दिशाभूल की जा रही है. जिले में करोडों रूपयों के महामार्ग का निर्माणकार्य शुरू है. चामोर्शी महामार्ग का निर्माणकार्य करनेवाले ठेकेदार ने उनका प्लॉन्ट पोहार नदी के समिप लगाया है. उक्त ठेकेदार इसी नदीपात्र की रेती का उत्खनन कर महामार्ग का निर्माण कर रहे है. दिखावे के लिए कुछ ब्रास रेत की रॉयल्टी दिखाकर अधिक से अधिक रेती नदीपात्र से खनन कर रहे है. जिसेस इस नदी को लकीरे गई होकर ठेकेदार प्रशासन का लाखों रूपयों का राजस्व डूबा रहे है. मात्र संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं होने से सवाल उठाएं जा रहे है. 

ठेकेदार को काली सुची में डाले 

कम दिनों में अधिक पैसे कमाने का व्यवसाय यानी रेती माफीया बनना हुआ है. कुछ माफीया नदीपात्र से सटकर खेती दिखाकर अपने खेत में 100 ब्रास रेती रखकर नदीपात्र से हजारों ब्रास रेती का उपसा कर रहे है. हजारो ब्रास रेती का उत्खनन होने के बावजूद अधिकारी मात्र केवल 500 ब्रास रेती का पंचनामा कर रहे है. जिससे अधिकारियों से मिलीभगत कर उक्त कारोबार जोरो से शुरू होने की चर्चा शुय है. वहीं वाघोली बुटी डैम बंद कर रेती चोरी का अवैध व्यवसाय जारी है. कुछ दिनों में डैम का पानी छोडकर सबुत नष्ट करने की तैयारी शुरू है. जिससे पंचनामे होने तक डैम का पानी न छोडे, पर्यावरण को नुकसान व सरकार का करोडों का राजस्व को चुना लगानेवाले ठेकेदार को काली सुची में डाले ऐसी मांग भी रामकिरीत यादव ने की है.