कृषी, कामगार विरोधी विधेयक रद्द करे

  • सुरजागड क्षेत्र के किसान, कृषि मजदूर, कामगारों ने दी जिलाधिकारी कार्यालय पर दस्तक

Loading

एटापल्ली. केंद्र सरकार ने कोई चर्चा किए बगैर जबरन कृष्ज्ञि व कामगार विरोधी कानुन लागू किए है. जिससे देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त हो रहा है. उक्त कृषि व कामगार विरोधी विधेयक रद्द करे, इस मांग को लेकर सुरजागड इलाका के करीब 66 गांवों के किसान, खेतमजदूर, कामगार, महिला बचत गुट के महिलाओं ने संविधान दिवस पर जिलाधिकारी कार्यालय पर दस्तक दी. इस समय विभीन्न मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी के मार्फत राष्ट्रपती, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्र्यांना को पेश किया गया.

कामगार विरोधी चार लेबर कोड तत्काल पिछे ले, किसान विरोधी तिरों कानुन तत्काल पिछे ले, उत्पादन खर्च के डेढ गुना समर्थन मुल्य देनेवाला कानुन बनाए, कोरोना कालावधि के भारी बिजली बिल माफ करे, कोविड कालावधि में आयकर न भरनेवालों को 7 हजार 500 रुपये मासिक निर्वाह भत्ता दे, जिले की प्रस्ताविक खदान रद्द करे, ठेका कामगारों को कायम स्वरूप कामगार के रूप में मान्यता दे, समान वेतन दे, नई पेंशन योजना रद्द करे, आशा, अंगणवाडी सेविकाओं को नियमित कर किमान वेतन व पेंशन का लाभ दे, शहर में रोगायो कानुन लागू करे सार्वजनीक स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत कर प्रत्येक तहसील में दर्जायुक्त सार्वजनिक अस्पताल का निर्माण करे आदि समेत विभीन्न मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया. 

आंदोलन में सुरजागड पट्टी (इलाका) गोटूल समिति के अध्यक्ष तथा जिप सदस्य सैने गोटा, पुरसलगोंदी ग्रापं के सरपंच कल्पना आलाम, रंजीत गावडे, लक्ष्मण नवडी, बाबुराव पुंगाटी, पत्तू पोटावी, रमेशा कावडो, सैनु महा, दरसु तिम्मा, रामसु नरोटी, सुशिला तिग्गा आदि समेत इस परिसर के 66 गांवों के किसान, खेतमजदूर, कामगार, महिला बचत गुट के सदस्य बडी संख्या में उपस्थित थे.