जोगिसाखरा के ग्रामीण
जोगिसाखरा के ग्रामीण

  • नागरिकों ने पालकमंत्री शिंदे से की मांग

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आरमोरी. कोरोना संक्रमण के चलते अप्रैल 2020 में होनेवाले ग्राम पंचायत चुनाव को सरकार ने आगे बढाएं है. जिससे जिले के ग्रामपंचायत का कारभार चलाने के लिए पंचायत समिति स्तर पर से सरकारी प्रशासक नियुक्त किया गया है. किंतू एक ही कर्मचारी की ओर 8 ग्रापं का कारभार सौंपे जाने से प्रशासक एक दिन भी ग्राम पंचायत को पूर्ण समय नहीं दे सकते है. फलस्वरूप गांव के नागरिकों को दस्तावेज प्राप्त करने हेतु भारी मशक्कत करनी पड रही है.नागरिकों की समस्याएं ध्यान में लेकर, सरकार ग्रापं पर स्थायी प्रशासक की नियुक्ती करे, ऐसी मांग जिला आदिवासी कांग्रेस के सचिव दिलीप घोडाम के नेतृत्व में नागरिकों ने पालकमंत्री एकनाथ शिंदे से की है. 

जिले के ग्रापं सरपंच का कार्यकाल अप्रैल, मई, जून 2020 में समाप्त हुआ. कोरोना संकट के पूर्व ग्रापं चुनाव का कार्य क्रम घोषित होकर अप्रैल माह में मतदान लिया जानेवाला था. मात्र इसके पूर्व ही मार्च माह में देश के साथ ही राज्य में कोरोना का प्रवेश होने से ग्रापं चुनाव आगे बढाए गए है. जिसेस समयावधि समाप्त होनेवाले ग्रापं पर सरकार की ओर से प्रशासक नियुक्त किए गए है. मात्र एक कर्मचारियों की ओर करीब 8 से 9 ग्रापं का कारभार सौंपा गया है. वहीं 40 से 50 किमी दूरी पर दिया गया है. जिससे दुरदराज से आए नागरिकों को ग्रांप के प्रमाणपत्र के लिए चक्कर काटने पड रहे है. फलस्वरूप लाभार्थियों को अनेक योजनाओं से वंचित रहना पड रहा है. कोरोना के गंभिर स्थिती में नागरिकों को वित्तीय नुकसान सहना पड रहा है. वहीं अनेक ग्रापं पर प्रशासक नहीं होने से गांव विकास के कार्य अटके पडे है. 

सरकार नागरिकों के सर्वांगिन विकास का विचार कर आरमोरी तहसील के ग्राम पंचायत के साथ जिले के प्रत्येक ग्रापं पंचायत पर स्थायी प्रशासक की नियुक्ती कर गांव विकास को गति दे, ऐसी मांग दिलीप घोडाम के नेतृत्व में नरु वझाडे, नरेंद्र गजभिये, नानाजी मांढरे, लक्ष्मण सडमाके, प्रशात कहालकर, भैयाजी कन्नाके, राहुल राऊत, नितीन मडावी, चेतन कुमरे, सोनल मांढरे, रत्नाजी पेन्दाम, भाऊराव मडावी, विश्वास सोनबावणे, जितेंद्र भोयर, प्रदीप सडमाके, सचिन मडावी, गौतम मेश्राम, जुमनाके, सोनबावणे ने की है.