सप्ताह में एक दिन बैगमुक्त स्कूल!

  • पहले चरण में 300 स्कूलों बनाया जाएगा आदर्श स्कूल
  • निकषों पर होगी तहसील से 1 जिप स्कूल का चयन

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गडचिरोली. विद्यार्थियों को अध्यापन के दौरान दबावमुक्त वातावरण मिले, पाठ्य किताबे व स्कूल बैंग के साहित्यों से आगे जाकर विद्यार्थियों को स्कूल में तथा स्कूल परिसर में उपलब्ध साधन सामग्री से विभीन्न विषयों का ज्ञान अवगत कर पाए, इसके लिए सप्ताह में कमसेकम एक दिन स्कूलबैग के बोझ से छात्रों को मुक्ती देने उद्देश से प्रत्येक शनिवार को स्कूल बैग मुक्त स्कूल यह उपक्रम चलाने का निर्णय राज्य के शिक्षा विभाग ने लिया है. जिससे जिले के करीब 1 हजार 548 जिप स्कूल के लाखों विद्यार्थियों की स्कूल एक दिन के लिए बैगमुक्त होनेवाली है. 

राज्य के प्रत्येक तहसीलों में 1 इसके तहत प्रथ्ज्ञम चरण में 300 स्कूलो आदर्श स्कूल के रूप में विकसीत करने का निर्णय शालेय शिक्षा विभाग ने लिया है. कुछ निकषों के आधार पर प्रत्येक तहसीलों से 1 स्कूल चयनित किए गए है. उक्त आदर्श स्कूल संभवत 1 से 7 कक्षाओं की जिप स्कूल रहनेवाली है. क्रिडा, भाषण, लेखन, अभिनय, गायन आदि विभीन्न विषयों की शिक्षा भी शालेय अभ्यासक्रम के साथ इन स्कूलों के विद्यार्थियों को दी जाएगी. अध्यापन की कमसेकम 5 वर्ष की तैयार व बिच में तबादलों की शिफारीश न करनेवाले ऐसे शिक्षक आगे आने का आह्वान किया गया है. विद्यार्थियों को दबावमुक्त शिक्षा मिले, किताबों से आगे जाकर उन्हे स्कूल में, स्कूल के परिसर में उपलब्ध संसाधानों के माध्यम से ज्ञान मिले, इसके लिए प्रत्येक शनिवार को बैग मुक्त स्कूल यह संकल्पना चलाई जा रही है. इस आदर्श स्कूल अभियान अंतर्गत विद्यार्थियों में नेतृत्वगुण विकसीत किया जानेवाला है. शिक्षक भी किताबों के ज्ञान से बढकर शिक्षा देते हुए संकोचित वृत्ती छोडकर प्रश्न पुछेंगे, ऐसा वातावरण निर्माण किया जानेवाला है. नवनिर्मिती को गति, समीक्षात्मक विचार, वैज्ञानिक प्रवृत्ती यह गुण विद्यार्थियों में विकासीत किया जानेवाला है. 

जिले में फिलहाल 1 हजार 578 जिला परिषद की स्कूल होकर इसमें 1 लाख से अधिक विद्यार्थी विद्यार्जन कर रहे है. जिले के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में अनेक समस्या है. जिले के अनेक स्कूलों की स्थिती को देखते हुए शिक्षा विभाग का ‘आदर्श स्कूल’ यह अभिनव उपक्रम जिले के लिए निश्चित ही प्रेरणादायी साबित होनेवाला है. इस उपक्रम के अंतर्गत अनेक स्कूलों की बुनियादी, शैक्षणिक स्थिती सुधारने में भी इससे मदद मिलनेवाली है. 

यह रहेंगे निकष

आदर्श स्कूल निर्मिती में बुनियादी सुविधा, शैक्षणिक गुणवत्ता तथा कुछ प्रशासकीय बातों के संदर्भ में निकष तय किए गए है. जिसके अनुसार बुनियादी सुविधाओं में स्वतंत्र शौचालय, पेयजल की व्यवस्था, सुस्थितीत होनेवाली कक्षाएं, आकर्षक इमारत, क्रिडांगण, क्रिडा साहित्य, आईसीटी लॅब, सायन्स लॅब, ग्रंथालय आदि बुनियादी सुविधाओं का समावेश रहेगा. दर्जायुक्त शैक्षणिक पोषक वातावरण, किताबों से आगे बढकर छात्रों को शिक्षा, पठन अभ्यास, पठन, लेखन, गणिती क्रिया अवगत होना अनिवार्य, ग्रंथालय में विभीन्न कथाकहानियों की पठन की किताबे, संदर्भ ग्रंथ, स्वअध्ययन के साथ्ज्ञ गुट अध्ययन जैसे रचनात्मक शैक्षणिक कार्यक्रम, समिक्षात्मक विचार, वैज्ञानिक प्रवृत्ती, संविधानिक मुल्ये, संभाषण कौशल्य आदि कौशल्ये, अभिभावक व छात्रों की सर्वांगीण गुणवत्ता व व्यक्तीमत्व विकास के लिए शालेय व सह शालेय उपक्रम में सहभाग लेना आदि शैक्षणिक गुणवत्ता के निषक है. वहीं शिक्षा के बच्चों का शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक विकास के लिए आदर्श शिक्षक, स्पर्धात्मक युग में विद्यार्थियों में नेतृत्वगुण विकास करना आदि निकष प्रशासकिय बातों के लिए गृहीत लिए गए है. 

15 दिनों के भितर स्कूलों की पुष्टी 

सभी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सुची अंतिम करने के लिए चयनित स्कूलों की पुष्टी करे. व सरकार को 15 दिनों के भितर सुचित करे, ऐसे निर्देश शालेय शिक्षा व क्रिडा विभाग ने 26 अक्टूबर के परिपत्रक में दिए है. एक बारत आदर्श स्कूलों की सुची निश्चित होने के बाद सभी सरकारी, जिलास्तरीय योजनाओं का अभिसरण कर उक्त स्कूलों को विकास करने का उपक्रम हाथ में लेने की बात आदेश में कहीं है.