आज का सुशिक्षित, बेरोजगार, उच्चशिक्षित युवक विभिन्न प्रशिक्षण, पद लेकर सरकारी, गैरसरकारी नौकरी हासिल करने के लिए भागदौड करता है।
- सुशिक्षित बेरोजगारों के लिए प्रकाश बना आदर्श
आरमोरी. आज का सुशिक्षित, बेरोजगार, उच्चशिक्षित युवक विभिन्न प्रशिक्षण, पद लेकर सरकारी, गैरसरकारी नौकरी हासिल करने के लिए भागदौड करता है। मात्र असोडा का प्रकाश पुरूषोत्तम चाटारे नामक युवक ने नौकरी के पीछे न लगकर स्वयंरोजगार की ओर कदम बढाया। बाग, बगिचा निर्माण कर उसका खयाल रखना शुरु किया आज वह नौकरी वाले से बेहतर जीवन व्यतीत कर रहा है। बाग, बगिचा प्रकाश का आधार बन गया हैप्रकाश ने सुशिक्षित बेरोजगारों के सामने एक नया आदर्श रखा है।
आज का सुशिक्षित युवक नौकरी हासिल करने के लिए जमीन, घर की तक को तैयार हो जाते है। किंतु शिक्षा यानी नौकरी हासिल करना ही नहीं तो शिक्षा से एक नया रोजगार तथा स्वयंरोजगार खोजकर परिवार का स्वाभिमान से जीवन व्यतीत करना होता है। शहर के समीप अरसोडा निवासी प्रकाश पुरूषोत्तम चाटारे ने वडसा के बालकृष्ण राऊत से बाग, बगिचा तैयार करना, सफाई, छोटे पौधों को पानी, खाद, दवा आदि की जानकारी ली। जानकारी हासिल कर प्रकाश ने बाग, बगिचा निर्माण करने का स्वयंरोजगार शुरू किया। इससे मिलनेवाली आय से प्रकाश अब स्वाभिमान से जीवन व्यतीत कर रहा है।
प्रतिमाह 10 ते 15 हजार की आय
प्रकाश ने बतायाक कि इस व्यवसाय में मेरे 2 भाई भी कार्यरत है। आय, जीवन जीने का साधन यानी बाग, बगिचा का निर्माण है। 20 से 25 घर के बगिचा की देखभाल करते है माहभर में 4 बार पेडों की कटाई समेत सफाई की जाती है। माह में लगभग 10 से 15 हजार रुपए प्रति माह लाभ होता है। जिससे बेरोजगार युवक इस व्यवसाय की ओर अधिक ध्यान देने पर अधिक लाभ मिल पाएगा और स्वाभिमानिक जीवन जीना इस व्यवसाय से सीख सकते है।