- चामोर्शी तहसील में चल रहा गोरखधंदा
- संबंधित अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत
चामोर्शी. कोरोना काल में मिलनेवाले नि: शुल्क अनाज की लाभार्थियों द्वारा बिक्री करने का गोरखधंदा चामोर्शी तहसील में विगत कुछ दिनों से चल रहा है। इस ओर संबंधित विभाग के अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है।
तहसील में 198 सरकारी सस्ते आनाज की दूकान है। जिसमें अंत्योदय कार्डधारक 12 हजार 711 है। नियमित चावल 3 हजार 177 क्विंटल, गेहूं 1 हजार 271 क्विंटल, कोरोना पैकेज चावल 1 हजार 449 क्विंटल, गेहूं 966 क्विंटल, प्राधान्य परिवार लाभार्थी 26 हजार 35 को नियमित अनाज चावल 3 हजार 184 क्विंटल, गेहूं 2 हजार 123 क्विंटल, कोरोना पैकेज चावल 3 हजार 184 क्विंटल, गेहूं 212 क्विंटल, एपीएल, एनपीएच, कार्ड धारक 1 हजार 747, नियमित चावल 173 क्विंटल, गेहूं 115 क्विंटल प्रति माह वितरण किया जाता है।
उक्त राशि से जीवनयापन
कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाऊन किया गया। इस कालावधि में सरकार की ओर से कार्डधारकों को नि:शुल्क अनाज वितरण किया। इसमें गेहूं व चावल का समावेश है। इस अनाज का आहार के लिए उपयोग न करते हुए अनेक लाभार्थी अनाज बाजारभाव से कम दाम में बिक्री कर रहे है। उसके बदले में मिलनेवाली राशि अपने जीवनयापन के लिए लगने वाली अन्य वस्तुओं पर खर्च कर रहे है। किंतु सरकार के नि: शुल्क वितरित किए जानेवाले अनाज का लाभार्थियों द्वारा बेचने का गोरखधंधा शुरु है।
आवश्यकता से अधिक संग्रहण
कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु 22 मार्च से देश में सर्वत्र लॉकडाऊन किया गया। इस कालावधि में नागरिकों पर खूममरी न आए इस उद्देश से सरकार ने अप्रैल माह से सरकारी सस्ते आनाज दूकान से प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल नि:शुल्क देने की घोषणा की। वर्तमान स्थिति में प्रति व्यक्ति 2 किलो चावल, 3 किलो गेहूं वितरित किए जा रहे है। वहीं प्रति राशनकार्ड पर एक किलो चना दाल, तुअर दाल नि: शुल्क मिल रही है। विगत कुछ माह से जारी इस नि:शुल्क अनाज योजना के कारण अनेक घरों में गेहूं व चावल का आवश्यकता से अधिक जमा हो गया है। बरसात में नमी वाले मौसम के कारण गेहूं को किट लगना शुरू होने के कारण कुछ लोग स्वयं के पास का अनाज जल्द से से जल्द व्यवस्था करने के उद्देश से तो कुछ अन्य वस्तू खरीदी के लिए पैसा उपलब्ध हो, इसके लिए नि: शुल्क मिले अनाज की बिक्री कर रहे है।