‘वह’ अन्यायकारक निर्णय रद्द करें

  • जिला माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्कूल शिक्षकेत्तर संघ की मांग

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गडचिरोली. निजी अनुदानित शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने 11 दिसंबर 2020 को जारी किए गए शालेय शिक्षा विभाग का अन्यायकारक निर्णय रद्द करे, ऐसी मांग जिला माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्कूल शिक्षकेत्तर संघ ने जिप के माध्यमिक शिक्षणाधिकारी निकम से की है.

यह आदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वर्ग के लिए लागू किया गया है. सरकार के विभीन्न नितियों के कारण 17 वर्षो से कर्मचारियों की नियुक्तियां नहीं किए जाने से कार्य का अतिरीक्त बोझ सहना पड रहा है. ऐसे में अन्याय करनेवाला सरकारी आदेश निर्गमित किया गया है. इन नए आकृतिबंध के कारण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियां नहीं होगी. उनका अस्तीत्व समाप्त होनेवाला है. कायम पद के वेतनश्रेणी पर नियुक्त करने के बजाए चपरासी भत्ता देने के व वे वेतनेत्तर अनुदान के स्वरूप में देने संदर्भ का निर्णय दिए जाने से इस सरकारी आदेश का महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक स्कूल शिक्षकेत्तर संगठनों का महामंडल गडचिरोली की ओर से तिव्र निषेध करने की बात ज्ञापन में कहीं गई है. 

यह आदेश तत्काल रद्द कर 12 फरवरी 2015 के अनुसार गठीत किए गए समिति के शिफारीशों के अनुसार राज्य के शिक्षकेत्तर कर्मचारी दर्जे के पद मंजूर किए जाए ऐसी मांग संस्था चालक संगठना के अध्यक्ष अनिल पाटील म्हशाखेत्री, सचिव जयंत येलमुले, अविनाश चडगुलवार, संजय मल्लेलवार, उदय धकाते, संदीप भरणेश, शैलेश कापकर, पांडूरंग हुलके, अरुण धोडरे, अशोक काचिनवार, किसन पिपरे, नंदलाल लाडे, मुख्याध्यापक संगठना के अध्यक्ष मनीष शेट्टे, पूर्व अध्यक्ष संजय नार्लावार, सागर म्हशाखेत्री, मुकूंद म्हशाखेत्री, विज्युक्टा के सचिन धर्मेंद्र मुनघाटे, शिक्षक परिषद के सचिव गोपाल मुनघाटे इनके साथ्ज्ञ सभी शैक्षणिक संगठनों के पदाधिकारी शिक्षेत्तर कर्मचारियों ने किया है.