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    गड़चिरोली. एटापल्ली तहसील के वाघेझरी तेंदू युनिट से तेंदूपत्ता बोरे को ले जा रहे चार ट्रकों को चामोर्शी तहसील के आष्टी जांच नाके पर वनविभाग ने तेंदूपत्ता ढूलाई की अनुमति नहीं होने की बात कहते हुए रोक दिया.  वर्तमान स्थिति में यह मामला गरमा गया है. और वनविभाग व ग्रामसभा आमने-सामने आ गयी है. जिससे यह मामला और भी पेचिदा होने की बात कही जा रही है.

    बता दे कि, ग्रामस्तरीय वनहक्क सनियंत्रण समिति वाघेझरी मेें 2021 में ग्रामसभा ने सरकार के नियमों के तहत तेंदूपत्ता की यातायात करने के लिये स्वयं ही टीपी (ट्रान्सफर परमिट) तैयार की. और संकलन किया गया तेंदूपत्ता स्वयं की कंपनी को बेचकर ट्रकों की सहायता से तेंदूपत्ता की ढूलाई की जा रही थी.

    इसी बीच 8 दिन पहले आष्टी के जांच नाके पर वनविभाग ने तेंदूपत्ता ढूलाई करने की अनुमति न होने की बात कह ग्रामसभा के चार ट्रकों को रोका है.  इस मामले में ग्रामसभा ने वनविभाग पर  ग्रामसभा के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है. वहीं वनविभाग की इस कार्रवाई का तीव्र विरोध किया जा रहा है. 

    आष्टी में पहुंचे ग्रामसभा के पदाधिकारी  

    वनविभाग की अफलातुन निति के खिलाफ एटापल्ली तहसील के ग्रामसभा के पदाधिकारी और ग्रामीण शनिवार को आष्टी के जांच नाके पर पहुंचे. इस समय आक्रमक भुमिका निभाते हुए प्रशासन सहयोग नहीं करने की बात कही. इस समय ग्रामसभा  सनियंत्रण समिति के जिला सचिव नितिन पदा ने कहा कि, वर्ष 2017 से ग्रामसभा द्वारा  तैयार की गई टीपी के आधार पर तेंदूपत्ता की यातायात की जा रही है. मात्र अब तक वनविभाग द्वारा ट्रक रोकने की कार्रवाई नहीं की गई. मात्र अब कार्रवाई कर ग्रामसभाओं के अधिकारों को ताक पर रखने का आरोप लगाया है. 

    जिलाधिश के पास पहुंच मामला 

    ग्रामसभा व वनविभाग के बीच ट्रक रोकने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब जिलाधिश के पास पहुंचा है. बता दे कि, जिलाधिश सिंगला इस मामले में 14 मई को बैठक आयोजित की गई है. जिसमें ग्रामसभा के पदाधिकारी और वनविभाग के अधिकारियों को बुलाया गया है. जिलाधिश द्वारा ली जानेवाली इस बैठक में किस तरह हल निकलेगा, इस ओर सबकी नजरे टिकी हुई है.