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गडचिरोली. जिले में विगत 2 दिनों से मौसम ने अचानक करवट बदली है. जिले में बदरीला मौसम व हल्दी बुंदाबांदी के नजरे विगत 2 दिनों से दिखाई दे रहे है. जिसके कारण जिले के किसानों की धडकने तेज हुई है. जिले में धान कटाई व कपास तुडाई का कार्य जारी है. ऐसे में बदलते मौसम के मिसाज फिर एक बार किसानों की मुसीबतों को बढाता दिखाई दे रहा है. बदलते मौसम के कारण किसानों की चिंताएं भी बढ गई है. बतां दे कि, बदरीले मौसम, हल्की बुंदाबांदी तथा शितलहरों के चलते जिले का वातावरण भी शितल हो गया है. जिससे अब सर्दी का एहसास लोगों को होने लगा है.

जिले में खरीफ सीजन की धान कटाई, बांधनी तथा पिसाई के कार्य जोरो पर है. अनेक किसानों ने धान की कटाई कर खेतों में ढेर बनाएं हुए है. भारी प्रजाति के धान कटाई का कार्य अब भी जारी है. वहीं जिले में कपास की पैदावार भी बढ गई है. जिससे किसान कपास की तुडाई का कार्य प्रारंभ कर दिया है. इस वर्ष शुरूआत से ही किसानों के सीर आफतों की बारिश होती रही. बाढ, कीटों का प्रादुर्भाव ऐसे संकटों से लढते लढते किसान के हाथ बचीकूची फसले भी प्रकृति मनचले मिसाज से तबाह होने का खतरा निर्माण हुआ है.

विगत 2 दिनों से जिले में बदरीला मौसम तथा हल्की बुंदाबांदी हो रही है. जिसके चलते किसान चिंतित नजर आ रहे है. अनेक किसान कटाई किए गए फसलों को समेटने में लगे हुए है. वहीं जिले में मौसम के बदलाव के चलते थंड में भी बढोतरी हुई है. अबतक लोगों को सर्दी के दिनों में भी गर्मी का एहसास हो रहा था. मात्र विगत 2 दिनों से सर्दी का एहसास होने लगा है. ग्रामीण अंचलों में अलाव जलने प्रारंभ हो गए है. वहीं लोग सर्दी से बचने गर्म कपडों का उपयोग करते नजर आए.

रब्बी फसलों के नुकसान का अनुमान

खरीफ सीजन नुकसानदेह साबित होने के बावजूद किसानों ने रब्बी मौसम की फसलों के माध्यम से इस नुकसान पूर्ति करने का उद्देश रखते हुए अनेक किसानों ने रब्बी सीजन की फसले बोई है. मात्र मौसम के बदलते मिसाज ने किसानों के चेहरे का रंग उडा दिया है. बदरीले मौसम व बुंदाबांदी के कारण रब्बी फसलों का भी भारी नुकसान होने का अनुमान जताया जा रहा है. बतां दे कि, जिले में अनेक किसान खेतों के बांधों पर तुअर फसल लगाते है. बदरीले मौसम के कारण तुअर फसलों का भी भारी नुकसान होने की संभावना है.

स्वास्थ्य पर विपरीत असर

कोरोना महामारी का दौर अब भी जारी है, ऐसे में बदलते मौसम के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर होता दिखाई दे रहा है. बदलते मौसम के चलते अनेक लोग अस्पतालों के चक्कर काटते नजर आ रहे है. इन दिनों बुखार, सर्दी, खासी, सिरदर्द आदि बिमारियों से पिडीत लोग पाए जा रहे है. बढती कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकारी अस्पताल मरीजों से फुल्ल होने के चलते व कोरोना के भय से लोग अब निजी अस्पतालों में उपचार करना मुनासिब समझ रहे है. बताया जा रहा है कि, अब निजी अस्पतालों ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने शुल्क बढाने की बात कहीं जा रही है. जिससे मरीजों को फटका लग रहा है. मात्र कोरोना के भय से लोग सरकारी अस्पताल से परहेज करते दिखाई दे रहे है.