मुख्यमंत्री ने विदर्भ की ओर फेरी पीठ

  • पूर्व ऊजामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का महाआघाडी सरकार पर आरोप

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गडचिरोली. महाआघाडी सरकार के सत्ता स्थापना को 11 माह का कालावधि हुआ है. मात्र इस कालावधि में मुख्यमंत्री ने विदर्भ की ओर घुमकर भी नहीं देखा. महाआघाडी सरकार ने विदर्भ की ओर पीठ फेरने का आरोप कर मुख्यमंत्री केवल मुंबई व उपमुख्यमंत्री पुणे तक ही क्या ऐसा आरोप पूर्व ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावणकुले ने 25 नवंबर को भाजपा की ओर से आयोजित पत्र परिषद से किया.

भाजपा की ओर से आयोजित पदवीधर मतदाता संघ के जिलास्तरीय समारोह में भाजपा प्रदेश सरचिटणीस तथा पूर्व ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावणकुले की प्रमुखता से उपस्थिती थी. समारोह के पूर्व आयोजित पत्र परिषद में सांसद अशोक नेते, विधायक डा. देवराव होली, भाजपा जिलाध्यक्ष किसन नागदेवे, जिला महामंत्री रवींद्र ओल्लारवार, भाजपा के ज्येष्ठ नेते प्रदेश कार्यकारणी सदस्य बाबुराव कोहले, जिला महामंत्री प्रशांत वाघरे, प्रमोद पिपरे, अनुसूचित जमाती आघाडी के प्रदेश महामंत्री प्रकाश गेडाम, जिला संपर्क प्रमुख सदानंदजी कुथे, नगराध्यक्ष योगिता पिपरे आदी प्रमुखता से उपस्थित थे.

बावणकुले ने आगे कहा की, राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार विदर्भ विरोधी होकर कोरोना जैसे संकट कालावधि में भी उन्होंने विदर्भ की और पीठ भी नहीं फेरी. यहा के विदर्भ वैधानिक मंडल संपुष्ट में लाया. विदर्भ के विशेषत: गडचिरोली जिले के अनेक विकास कार्यों में जानबुझकर स्थगिती दी. 1956 के करार के अनुसार अब तक नागपूर का शीतकालीन अधिवेशन नागपूर में ही होता था.  मात्र राज्य के इतिहास में पहिली बार ही महाआघाडी सरकार ने कोरोना का कारण सामने कर अधिवेश मुंबई में ले गए. केवल मुंबई-पुणे में बैठकर काम करनेवाली यह सरकार होकर नागपूर पदवीधर मतदाता संघ चुनाव से मतदाता सरकार को सबक सिखाए, ऐसा आह्वान उन्होंने इस समय किया. गडचिराली में बाढ स्थिती आने के बावजूद भी एक भी रूपयों की मदद किसानों को नहीं दी. विदर्भ के 4 हजार करोड रूपयों के काम को स्थगिती दी.

मुख्यमंत्री मुंबई से व उपमुख्यमंत्री पुणे में बैठकर विदर्भ पर कैसा अन्याय किया जा सकता है इसका विचार कर रहे है. यह सरकार विदर्भ विरोधी है. विधानसभा चुनाव के बाद होनेवाली पदवीधर मतदाता संघ का पहला चुनाव होने से इस चुनाव से जनता का आक्रोश व्यक्त होने की तस्वीर है. जिससे महाआघाडी सरकार के विरोध में मतदान कर राज्य सरकार को सबक सिखाए, ऐसा आह्वान बावणकुले ने इस समय किया.

जिले का 250 करोड का निधी रोका

महाआघाडी सरकार के विगत 11 माह के कारोभार से इस सरकार ने विदर्भ पर अन्याय किया ऐसा स्पष्ट हो रहा है. विदर्भ समेत आदिवासी बहूल रहनेवाले गडचिरोली जिले में विभिन्न क्षेत्र अंतर्गत बडे पैमाने में बैकलॉग है. जिले के विकास हेतु पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रयास से 250 करोड का निधी मंजूर किया गया था. मात्र महाआघाडी सरकार ने यह निधी रोककर अविकसनशिल जिले को निराश करने आरोप बावनकुले ने पत्र परिषद से किया. स्थानिय नगर परिषद के विकास हेतु 32 करोड का निधी मंजूर किया गया था. यह निधी भी ठंडेबस्ते में रखने से जिलास्थल रहनेवाले गडचिरोली शहर का विकास नहीं हो पाया, ऐसा उन्होंने इस समय कहा.

बाढग्रस्तों का महाआघाडी द्वारा मजाक

अगस्त माह में आए बाढ स्थिती से जिले के हजारों हेक्टेअर खेतजमीन पानी में डुबी थी. इसमें किसानों के फसलों का भारी नुकसान हुआ था. इन बाढग्रस्तों को हेक्टेअरी 18 से 20 हजार नुकसान मुआवजा देने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया था. मात्र जिले के अनेक बाढग्रस्तों को अभी तक नुकसान मुआवजा नहीं मिलने से महाआघाडी सरकार ने जिले के बाढग्रस्त किसानों का मजाक करने का आरोप चंद्रशेखर बावणकुले ने इस समय किया.