Establishment of Jai Vidarbha Party for separate Vidarbha, candidates will be fielded in the elections

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गडचिरोली. विदर्भ को जबरन महाराष्ट्र में शामिल किया। तब से विदर्भ पर अन्याय शुरू हुआ इस अन्याय का विरोध कर विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से आज, शनिवार 10 अक्टूबर को समूचे विदर्भ में ‘विदर्भ राज्य संकल्प दिवस’ मनाया गया। वहीं पृथक विदर्भ राज्य का निर्माण तत्काल करे, ऐसे मांग का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को भेजा है।

राज्य के पुर्नरचना के लिए न्यायमूर्ति फजल अली की अध्यक्षता में फजल अली, के. एम. पन्नीकर, इंद्रनाथ कुंजरू की तीन सदस्यीय आयोग तैयार कर न्या. फजल अली कमीशन ने 10 अक्टूबर 1955 में  आयोग की रिपोर्ट सरकार को सौंपी। मात्र कांग्रेस सरकार ने आयोग की रिपोर्ट मान्य न करते हुए विदर्भ को जबरन महाराष्ट्र में शामिल किया। तब से विदर्भ पर महाराष्ट्र पर अन्याय शुरू है। विदर्भ की संस्कृति अलग है।

विदर्भ को महारष्ट्र में शामिल किया तो धार्मिक विवाद निर्माण होंगे, एकजुट नहीं रहेगा, जिससे महाराष्ट्र में विदर्भ शामिल न करें, ऐसी मांग उस समय विदर्भवादियों ने की थी।  फजल अली कमीशन ने पृथक विदर्भ राज्य की सिफारिश  के बावजूद भी कांग्रेस ने विदर्भ के जनता की कोई संम्मती न लेते हुए, चर्चा न करते हुए विदर्भ को महाराष्ट्र में शामिल किया। यह विदर्भ के जनता के साथ धोखा है। जिससे आज विदर्भ राज्य आंदोलन समिती की ओर से समुचे विदर्भ में विदर्भ राज्य संकल्प दिवस मनाकर स्वतंत्र विदर्भ राज्य का तत्काल निर्माण करे, ऐसी मांग ज्ञापन ज्ञापन से की गई।

ज्ञापन सौंपते समय विराआंस के जिला समन्वयक अरुण पाटील मुनघाटे, शहर अध्यक्ष रमेश भुरसे, तहसील उपाध्यक्ष पांडूरंग घोटेकर, युवा अध्यक्ष एजाज शेख, प्रभाकर वासेकर, चंद्रशेखर, गडसुलवार, जनार्धन साखरे, मनीषा सजनपवार, सिद्धार्थ नंदेश्वर, सुधाकर डोईजड, प्रभाकर बारापात्रे, जिला उपाध्यक्ष रमेश उप्पलवार, जितेंद्र मुनघाटे, नारायण म्हस्के, चंद्रशेखर जक्कनवार, दादाजी चापले, दादाराव चुधरी, हंसराज उराडे व विदर्भवादी उपस्थित थे।