वनांचल गांव मे 11 व 12 वीं की स्कूल शुरू करने की मांग

  • स्कूल के अभाव मे पढाई से वंचित होते छात्र
  • पढने के लिये 70 किलोमीटर की सफर

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सिरोंचा. सिरोंचा तहसील के वनांचल गांव झिंगाणूर मे इन दिनो हायर सेकेंडरी स्कूल खोलने की मांग जोर पकड़ने लगी है. स्कूल के अभाव मे उस क्षेत्र के छात्र लगभग 65 किलोमीटर की सफर कर तहसील मुख्यालय पढाई हेतू पहुंचने लगे है. इसमे जो अक्षम है वे पढाई से वंचित होने की खबरें निकल कर आ रहे है. इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो युवा वर्ग हायर सेकेंडरी एजुकेशन से वंचित होने की अंदेशा जताया जा रहा है. जबकी झिंगाणूर मे 70 के दशक मे ही माध्यमिक आश्रमस्कूल शुरू कर इसकी बुनियाद रखी गई थी. खासकर बरसात के दिनों में यहां के छात्र हायर सेकेंडरी एजुकेशन हेतू मुख्यालय नही पहुंच पाते है.  

तहसील मुख्यालय सिरोंचा से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वनांचल एवं आदिवासी बहुल इलाका कहें जानेवाला झिंगाणूर गांव जो की बुनियादी सुविधाओं के मामले मे जितनी पिछड़ी मानी गयी है. प्राकृति सुन्दरता एवं छात्रों की भौतिक मजबूती मे उतना ही अव्वल मानी गयी है. मगर सुविधाओं के अभाव मे यहाँ के छात्र छात्राएँ अपने हुनर का प्रदर्शन करने मे पिछड़ते जा रहे है. जानकारी के अनुसार मे झींगाणूर इलाके मे 70 के दशक मे ही माध्यमिक शिक्षा की शुरुवात की जा चुकी है. इसमे वृद्धी करते हुए हायस्कूल की शिक्षा की शुरुवात की गयी थी. जिसके तहत झिंगाणूर मे आज के समय मे कक्षा 1 ली से 10वीं तक की पढाई शुरु है. मगर जो छात्र छात्राएँ 10 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके है. उन्हे आगे की पढाई के लिये या तो बामिणी की ओर जाना होता है. या फ़िर सिरोंचा की ओर आना होता है. जबकी रास्ते मे पड़ने वाले नालों पर बाढ़ के हालात निर्मित होने पर आवागमन पूरी तरह से ठप पड़ जाता है. इसका असर इस क्षेत्र के छात्र छात्राओं के पढाई पर देखा जाने लगा है. खासकर त्रैमासिक एवं अर्धवार्षिक परीक्षाओं के दौरान छात्रों को बड़ी दिक्कत महसूस होती है.  इसके अलावा झिंगाणूर जैसे वनांचल गांव के लिये यातायात के साधन भी उल्लेखनीय नही है. 

इन सबके बीच अब ग्रामीणो एवं छात्रों के परिजनों ने  झिंगाणूर मुख्यालय पर 11 वीं एवं 12 वीं की कक्षाएं शुरू करने की मांग सरकार से कर रहे है. ताकी जो छात्र अन्यत्र जा कर आगे की पढाई जारी रखने मे अक्षम है वे भी पढाई से जुड़ सकें. साथ ही जो अभी अन्य स्थानो पर हायर सेकेंडरी की शिक्षा ग्रहण कर रहे है.वे अपने घर पर शिक्षा प्राप्त कर सकें.

मांग होने पर निर्माण करेंगे सुविधा-गुटशिक्षणाधिकारी 

उस क्षेत्र से अब तक मांग नही आयी है. मांग होती है तो प्रक्रिया के तहत सर्वे कार्य कर संभावनाओ को खोजा जायेगा. सर्वे मे जरुरत की बात सामने आयेगी तो प्रशासन इस दिशा मे प्रयास करेगा. ऐसा कथन गुटशिक्षणाधिकारी जनार्धन वडलाकोंडा ने नवभारत से किया है.