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    विसोरा. बिते एक पखवाड़े से किसान खरीफ पूर्व खेतीकार्य में जुटा हुआ है. कहीं बुआई के लिए खेत जमिन तैयार की जा रही है, तो कहीं तैयारी पूर्ण हुई है. ऐसे में खेती वर्षा के आगमन के इंतजार में है. किंतू रोहिणी नक्षत्र ने किसानों की निराशा की है, अब मृग नक्षत्र के बारिश से किसानों की उम्मीद लगी हुई है. मृग नक्षत्री के वर्षा से खेत भिगेंगे तभी बुआई होगी, इस आंस में किसानों की निगाहें आसमान पर टिकी है. 

     रोहिणी नक्षत्र समाप्त हुआ है. 8 जून से मृग नक्षत्र केा प्रारंभ होनेवाला है. मृग नक्षत्र के साथ ही बारिश का मौसम भी प्रारंभ होता है. ऐसा किसानों का अनुभव है. बारिश के मौसम के स्वरूप मृत नक्षत्र की विशेष पहचान है. इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र कभी बदरीला मौसम, कभी आग उगलता सुरज, तुफानी हवाएं को कुछ दिन हल्की वर्षा के साथ बिता.

    इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र की बारिश नहीं होने से अब धान फसलों की बुआई मृग नक्षत्र के बारिश पर निर्भर है. मंगलवार 8 जून से मृग नक्षत्र को प्रारंभ होनेवाला है. जिससे किसानों की अपेक्षाएं भी बढ़ गई है. बिते वर्ष मृग नक्षत्र का शुभारंभ मुसलाधार बारिश से हुआ था. मात्र इस वर्ष मृग नक्षत्र किसानों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा या किसानों को निराश करेगायह आगामी समय ही तय करेगा. 

    देसाईगंज तहसील समेत विसोरा परिसर के किसानों ने खरीफ सीजन की तैयारी जोरों से शुरू की है. खेतों में कचरा निकालना, खेत जोतना, बांधों पर मट्टी ड़ालना आदि कार्य अंतिम चरण में है. अब किसानों को केवल बारिश की प्रतिक्षा लगी है.