वैधता जांच के बगैर नियुक्ती आदेश न दें – गोंडवाना अनु. जाती कामगार संगठन की मांग

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गडचिरोली. महाराष्ट्र लोकसेवा आयोगव्दारा चयन हुए अनुसूचित जनजाती के उम्मीदवारों की जात वैधता जांच के बगैर नियुक्ती आदेश न दें, ऐसी मांग गोंडवाना एस. टी. कामगार संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को दिए हुए ज्ञापन से की है. इस संबंध का ज्ञापन जिलाधिकारीमार्फत मुख्यमंत्री, आदिवासी विकास मंत्री, राज्य के मुख्य सचिव, आदिवासी संशोधन व प्रशिक्षण संस्था पुणे के आयुक्त को भी दिया गया है. 

ज्ञापन में कहा गया है की, हाली में महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग का नतीजा घोषित हुआ होकर इस चयन सुचि में अनुसूचित जनजाती के आरक्षित जगह पर कुछ संदिग्ध नकली अनुसुचित जमाती के उम्मीदवार दिख रहे है. विशेष रूप से यह उम्मीदवार औरंगाबाद विभाग समेत अन्य विभाग के है. इसमें प्रथम दर्शनी 13 उम्मीदवार संदिग्ध व झुटे अनुसूचित जमाती के दिख रहे है. सर्वोच्च न्यायालय ने 6 जुलाई 2017 को दिए हुए निर्णय से जिसका जातवैधता प्रमाणपत्र अवैध रहा ऐसे लोगों को हाली में मंत्रालय के 23 विभाग के 4 अवर सचिव, 26 कक्ष अधिकारी व अन्य 20 कर्मचारी अनुसूचित जनजाती के आरक्षीत जगह से अधिसंख्य पद पर वर्ग किया गया है. तथा जलसंपदा विभाग के गुट अ के 15 , श्रेणी ब के 32 सह 116 कर्मचारी अधिसंख्य पद पर वर्ग किया गया.

महसुल विभाग के 2 अप्पर जिलाधिकारी, 5 उपजिलाधिकारी, 5 तहसीलदार ऐसे कुल 12 अधिकारी को भी अधिसंख्य पद पर वर्ग किया गया है. वहीं कुछ लोग जानकारी छुपाकर अभी भी अनुसूचित जनजाती के आरक्षित जगह पर कार्यरत है. इसके पूर्व राज्य में अनुसूचित जनजाती के नकली जातवैधता प्रमाणपत्र देनेवाले रॅकेट भी उजागर हुए है. स्थिती को देखते हुए अनुसूचित जनजाती के घटनात्मक रहनेवाले आरक्षीत जगह छिनने का निदर्शन में आया है.

अनुसूचित जनजाती के घटनात्मक आरक्षीत जगह का संरक्षण हो, मुल अनुसूचित जनजाती के उम्मीदवारों को इसका लाभ मिले इस उद्देश से उम्मीदवारों का जात प्रमाणपत्र, जात वैधता प्रमाणपत्र जांच करने के बगैर नियुक्ती आदेश न दिए जाए, ऐसा ज्ञापन में कहा गया है. ज्ञापन सौंपते समय भास्कर आत्राम, संदिप वरखडे, चंदु कुलसंगे, गणेश कोडापे, सुरेश सिडाम आदी उपस्थित थे.