खरीदी केंद्र कम, उपज कैसे बेचे हम

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गडचिरोली. वनसंपन्न गडचिरोली जिला कृषि प्रधान है. यहां के अधिकत्तर लोगों की आजिविका खेती पर निर्भर है. ऐसे में विगत कुछ वर्षो में जिले की कृषि उत्पादन में व्यापक बदलाव हुए है. जिसके तहत जिले में धान के साथ ही अन्य फसलों का उत्पादन किसानों द्वारा लिया जा रहा है. इस बिच जिले के दक्षिण छोर पर कपास व जिले में अनेक जगह मक्का फसलों का उत्पादन लिया जाता है. मात्र जिले में कपास व मक्का फसलों की बिक्री हेतु अल्प खरीदी केंद्र होने से किसानों को व्यापक परेशानियों का सामना करना पड रहा है. जिससे जिले में खरीदी केंद्र की संख्या बढाने की मांग किसानों द्वारा की जा रही है. 

जिले की प्रमुख फसल धान है. किंतू अब जिले में कपास व मका फसलों का भी उत्पादन बडी मात्रा में लिया जा रहा है. विगत कुछ वर्षो में नितवर्ष कपास व मका फसलों की बुआई का दायरा बढा है. जिले के किसान अब आधुनिकता की ओर बढ रहे है, मात्र जिले में सुविधाओं का अभाव होने के कारण किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड रहा है. जिले के दक्षिण क्षेत्र में बडी मात्रा में कपास फसलों की बुआई की जाती है. जिसके चलते अनेक किसानों कपास फसलों का उत्पादन लेकर फसलों को अपने घर में इकट्टा कर रखा था. मात्र कोरोना संकट व खरीदी केंद्र के अभाव में किसानों को व्यापक समस्याओं का सामना करना पडा था. इस बिच किसानों की मांग व कुछ राजनितिक दल के पदाधिकारियों के प्रयासों से जिले में कुछ जगह पर कपास खरीदी केंद्र शुरू हुए है. जिससे किसानों को कुछ राहत मिली है. पर अपने क्षेत्र से खरीदी केंद्र तक उपज लाने में किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड रहा है. यहीं स्थिती मका फसलों की है. किसानों द्वारा व्यापक परीश्रम करने के बाद किसानों द्वारा उपज ली जाती है, मात्र जिले में खरीदी-बिक्री की स्थायी व्यवस्था नहीं होने से किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पडता है.