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गडचिरोली. हिंदू धर्म महत्वपूर्ण पर्व में से एक पर्व है, वटपुर्णिमा. जेष्ठ माह में आनेवाले इस दिवस पर महिलाएं वटपुर्णिमा का व्रत रखते है. इस इस दौरान सुहागन महिलाएं अपने पती के लंबी आयु तथा अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए वटवृक्ष की पुजाअर्चना करते है. इस वर्ष इस पर्व पर कोरोना का संकट छाया दिखाई दिया. मात्र सुहागन महिलाओं ने अपने अपने अखंड सौभाग्य के लिए वटवृक्ष की श्रद्धापुर्वक पुजाअर्चना कर कोरोना का संकट जल्द से जल्द टलने की मंगल कामना भी इस समय महिलाओं ने की. इस दौरान अनेक जगह महिलाओं ने सोशल डस्टिसिंग का पालन करते हुए पुजाअर्चना तथा व्रत संपन्न किया.

पौराणिक कथा के अनुसार सत्यवान की अर्धागिंनी सावत्रिी ने सत्यवान के प्राण वटवृक्ष के निचे प्राप्त किए थे. इसलिए जेष्ठ माह में पुर्णिमा के दिन महिलाएं व्रत रखकर वटवृक्ष की पुजाअर्चना करते है. वटवृक्ष द्वारा ऑक्सीजन छोडने का प्रमाण अधिक रहता है. जिससे इस वृक्ष के आसपास रहना स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. जिससे परंपरा व वैज्ञानिक सद्धिांत इन दोंनो का मेल इस वटपुर्णिमा के माध्यम से दिखाई देता है. वटपुर्णिमा के दिन व्रत रखकर सुहागन महिलाएं अपने पती के लंबी उम्र व सुखी पारीवारीक जिवन की कामना करते रहे है. इस वर्ष मात्र कोरोना के चलते अनेक उत्सव व त्यौहार सादगी से पूर्ण हुए. इसी बिच वटपुर्णिमा पर्व भी सुहागन महिलाओं द्वारा मनाया गया. 

आज सुबह के दौरान महिलाएं पुजाअर्चा के साहत्यि लेकर वटवृक्ष के पास पहुचें. इस दौरान कोरोना संक्रमण में सतर्कता बरतते हुए दिखाई दिए. वटवृक्ष की पुजाअर्चना करते हुए सरकार के नियमों का पालन करते हुए महिलाओं ने सामाजिक दुरी बनाएं रखी. इस दौरान अनेक महिलाओं ने मुंह मास्क से ढककर संक्रमण टालने के लिए आवश्यक सतर्कता बरतते दिखाई दिए. 

चामोर्शी में सोशल डस्टिन्सींग रखकर वटवृक्ष की पुजा 
चामोर्शी शहर के आष्टी कॉर्नर मार्ग हनुमान मंदिर परिसर के वटवृक्ष की पुजा कर महिलाओं ने श्रद्धाभाव से वटपुर्णिमा पर्व मनाया. इस समय कोरोना वायरस का संक्रमण टालने के लिए सोशल डस्टिनसिंग रखते हुए प्रभावती गुंडावार, गीताताई वडेट्टीवार,चंद्रप्रभा आक्कूलवार, वसुधा कोमेरवार, डिंपल मालवे, सुषमा पिपरे, राणी सोलंनकर आदी महिलाओं ने सरकार के नियमों का पालन करते हुए वटवृक्ष की पुजा अर्चना की.