खाकी का प्रयास, एक माह बाद पहुंचा गांव में उजियाला,झगमगा उठा कुंचेर गांव

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    भामरागड़. गड़चिरोली जिले में पुलिस विभाग न केवल नक्सल आंदोलन का खात्मा कर रहा है बल्कि आदिवासी लोगों का जीवनस्तर सुधारने को भी प्राथमिकता दे रहा है. इसका ताजा उदाहरण भामगराड़ तहसील के अतिदुर्गम और नक्सलग्रस्त क्षेत्र में बसे कुंचेर गांव में दिखाई दिया. गत एक माह से गांव की बत्ती गुल होने के कारण ग्रामीणों को अंधेरे में जीवनयापन करने की नौबत आन पड़ी थी.

    ग्रामीणों की यह व्यथा देख नारगुंड़ा पुलिस सहायता केंद्र के अधिकारी व जवानों ने इस गांव के लोगों के जीवन में दुबारा उजियाला लाने का संकल्प किया.  और अपने संकल्प खरा उतरते हुए एक माह की कालावधि में गांव में बिजली पहुंचाई. जिससे फिर एक बार बिजली की रोशनाईयों से कुंचेर गांव झगमग हो गया. वहीं पुलिस विभाग के इस कार्य की ग्रामीणों ने सराहना की है.

    आंधी-तुफान से हुई थी गांव की बत्ती गुल

    गत एक माह पहले इस क्षेत्र में इस क्षेत्र में आए आंधी-तुफान के चलते बिजली के तार तुटने के कारण कुंचेर गांव की बिजली आपुर्ति बंद हो गयी थी. काफी दिन होने के बावजूद भी बिजली आपुर्ति शुरू नहीं होने के कारण  ग्रामीणों को अंधेरे में रहने की नौबत आन पड़ी थी. वहीं यह क्षेत्र में जंगलव्याप्त होने के कारण जंगली पशुओं का खतरा भी बना हुआ था. ऐसे में ग्रामीणों ने इस समस्या की ओर नारगुंडा पुलिस का ध्यानाकर्षण कराते हुए गांव में बिजली आपुर्ति सुचारू करने की मांग की.

    नारगुंड़ा पुलिस ने दिखाई तत्परता

    बिजली आपुर्ति बंद होने के कारण ग्रामीणों को अंधेरे में रहना पड़ रहा था. जब ग्रामीणों ने इस गंभीर समस्या की ओर से नारगुंडा पुलिस सहायता केंद्र के प्रभारी अधिकारी ज्ञानेश्वर लाड़े का ध्यानाकर्षण कराया तो, उन्होंने मामले की गंभीरता समझते हुए तत्काल बिजली विभाग से पत्रव्यवहार कर गांव की खंडित हुई बिजली आपुर्ति पूर्ववत शुरू करने की सूचना दी. साथ ही बिजली विभाग के कर्मचारियों को इस कार्य के लिये सहयोग भी किया. जिससे गांव में बिजली आपुर्ति शुरू होकर कुंचेर के ग्रामीणों ने नारगुंडा पुलिस का आभार व्यक्त किया है.