Managing the city's waste from 100 garbage bags

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  • नागरिकों को लाखों रूपये गए पानी में 

कोरची: स्वच्छ भारत मुहिम अंतर्गत एक वर्ष पूर्व कोरची शहर में नगरपंचायत की ओर से स्वच्छ सर्व्हेक्षण अंतर्गत 25 जगह गिला कचरा व सुका कचरा इकट्टा करने के लिए कचरा पेटीयां लगाए गए. इसके लिए लाखों रूपये खर्च किए गए. मात्र एक वर्ष में ही यह कचरा पेटी ही कचरे में जाने से प्रशासन के साथ नागरिकों के लाखों रूपये बर्बाद होने की बात कहीं जा रही है. 

स्वच्छ भारत मुहिम के तहत समुचे देश में स्वच्दता पर विभीन्न कार्यक्रम व प्रारूप तैयार किए जा रहे है. नागरिकों को परिसर स्वच्छ मिले, इसके लिए नागरिकों द्वारा स्वच्छता भी की जाती है. कोरची नगर पंचायत की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 अंतर्गत शहर में 25 जगह कचरा पेटीयां लगाए गए . प्रत्येक जगह एक गिला कचरा व सुखा कचरा ऐसे 2 पेटीयां लगाए गए है. वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण अंतर्गत अनेक दिवारों की रंगरंगोटी की गई है. वहीं इसके लिए व्यापक पैसे भी खर्च किए जाते है.

मात्र अब इन्ही दिवारों को ही स्वच्छता की आवश्यकता होने की बात कहीं जा रही है. शहर में जगह जगह लगाए गए कचरा पेटीयों के कारण सफाई कामगारों कामगारों को भी सफाई कामगारों का भी परिश्रम कुछ कम हो रहा था. क्यौंकि, परिसर के नागरिक कचरा पेटीयों में ही कचरा डालते थे. जिससे परिसर स्वच्छ रखने के लिए कामगारों की अडचणे कम होती थी. मात्र लगाए गए कचरा पेटी ही घटिया स्तर की होने से एक वर्ष भी टिक नहीं पायी. 

कचरापेटीयां नहीं होने से बाहर से आए नागरिक यह कचरा सडक पर ही डाल देते है. इसके लिए सफाई कामगारों को भी व्यापक परेशानी होती है. इसी कचरे को मवेशी अपना भोजन समझकर खाते है. जिससे पशुधन भी खतरे में आया है. 

स्वच्छ सर्वेक्षण कार्य की जांच करे – अग्रवाल

लाखो रुपये खर्च कर लगाए गए इन 25 कचरा पेटीयों की व स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 अंतर्गत खर्च किए गए समुचे निधी की जांच करे, ऐसी मांग पार्षद मनोज अग्रवाल ने की है.