- मृतकों में प्लाटून दलम 15 के 3 सदस्य
- 5 हथियारों के साथ नक्सल साहित्य जब्त
गडचिरोली. पुलिस उपविभाग धानोरा अंतर्गत आनेवाले पुलिस मदद केंद्र गारापत्ती के कोसमी-किसनेली जंगल परिसर में रविवार को पुलिस व नक्सलियों के बिच हुए मुठभेड में मारे गए 5 नक्सलियों की शिनाख्त हो गई है। उन पांचों नक्सलियों पर सरकार ने कुल 18 लाख का इनाम घोषित किया था। मृतकों में 4 महिला व 1 पुरूष का समावेश है जिसमें 3 नक्सली प्लाटून क्र. 15 के सदस्य थे। मुठभेड के बाद घटनास्थल से 5 हथियारों के साथ बडी मात्रा में नक्सली साहित्य जब्त करने की जानकारी पुलिस ने पत्र परिषद में दी है।
मृत नक्सलियों में धानोरा तहसील के मुंगनेर निवासी समीता ऊर्फ राजो किरको (34), धानोरा तहसील के कटेझरी निवासी कुमली चिपलुराम गावडे (23), एटापल्ली तहसील के पिपली बुर्गी निवासी सुमन ऊर्फ झुनकी ऊर्फ सुलकी बुच्चा पदा (32), छत्तीसगढ राज्य के बस्तर क्षेत्र के बिजापुर जिले के जेगरगुंडा तहसील के बुडगीन निवासी चंदा ऊर्फ चंदना ऊर्फ मासे भालसे/भाकसे (25) व धानोरा तहसील के चितोडा निवासी टिरा ऊर्फ निलेश ऊर्फ शिवाजी दारसो मडावी (30) का समावेश है।
जिला पुलिस दल ने इस वर्ष कुल 10 नक्सलियों को ढेर करने में सफलता प्राप्त की है। वर्ष 2020 की यह सबसे बडी कार्रवाई है। सी-60 जवानों के इस बहादुरी कर पुलिस उपमहानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक ने विशेष प्रशंसा की है। पत्रपरिषद में पुलिस उपमहानिरीक्षक संदीप पाटील, पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल, अपर पुलिस अधीक्षक मनिष कलवानिया आदि उपस्थित थे।
मृतकों के खिलाफ दर्ज थे अनेक मामले
समिता ऊर्फ राजो किरको वर्ष 2011-12 में प्लाटून दलम 20 में दाखिल हुई, वर्ष 2012-13 में उसने पोटेगांव सदस्य के रूप में काम संभाला, वहीं वर्ष 2013-14 से अबतक वह प्लाटून क्र. 15 में वह सदस्य के रूप में कार्यरत थी। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 2 हत्या, 9 मुठभेड व 3 अन्य ऐसे कुल 14 गंभीर मामले दर्ज थे। सरकार ने उसपर 4 लाख का इनाम घोषित किया था। कुमली चिपलुराम गावडे यह कोरची दलम की सदस्य थी। वर्ष 2016 में वह नक्सल आंदोलन में शामिल होकर वर्ष 2018 तक उसने टिपागड दलम में काम किया था, वर्ष 2018-20 तक कसनसुर एलओएसम में वह डीवीसीएम सृजनक्का के बॉडीगार्ड के रूप में जिम्मेदारी निभाई, वर्तमान में वह कोरची दलम सदस्य के रूप में कार्यरत थी। उसपर 2 लाख का इनाम रखा गया था।
सुमन ऊर्फ झुनकी ऊर्फ सुलकी बुच्चा पदा यह टिपागड दलम एसीएम सदस्य है वह 2006-07 में नक्सल आंदोलन में शामिल होकर मिलीशिया सदस्य के रूप में कार्यरत थी, वर्ष 2012-13 में कसनसुर एलओएस, 2013-18 तक प्लाटून क्र. 3 व 4 में पीपीसीएम तो 2018-19 में प्लाटून 15 में पीपीसीएम, तथा 2019 से अबतक वह टिपागड एलओएस में एसीएम सदस्य के रूप में कार्यरत थी। उसपर 1 हत्या, 14 मुठभेड व अन्य 6 ऐसे कुल 21 गंभीर अपराध दर्ज थे सरकार ने उसपर 6 लाख का इनाम रखा था। चंदा ऊर्फ चंदना ऊर्फ मासे भाकसे यह छत्तीसगड राज्य की निवासी है उसने वर्ष 2019 में चातगांव एलओएस सदस्य व उसके बाद अबतक टिपागड दलम में कार्यरत थी। उसपर 4 लाख का इनाम रखा गया था। टिरा उर्फ निलेश मडावी यह पहले चातगांव एलओएस इसके बाद टिप्पागड दलम सदस्य के रूप में कार्यरत था। उसपर 6 हत्या, 7 मुठभेड व अन्य 7 ऐसे 20 गंभीर मामले दर्ज थे। उसपर 2 लाख इनाम रखा गया था।
30 से 45 मिनट चली मुठभेड
कोसमी-किसनेली जंगल परिसर में रविवार को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड करीब 30 से 45 मिनट तक चली। मुठभेड के बाद सी-60 जवानों ने घटनास्थल पर सर्च आपेरशन चलाया। इस दौरान 5 नक्सली शवों के साथ बडी मात्रा में नक्सल साहित्य बरामद हुए. जिसमें 2 थ्री नॉट थ्री, 2 कॅलबोर, 1 इन्सॉस ऐसे 5 हथियारों के साथ इलेक्ट्रॉनिक वस्तू, वैद्यकीय साहित्य, जीवनावश्यक साहित्य के साथ नक्सल साहित्यों का समावेश।
ग्यारापत्ती, कोटगुल पर था ‘फोकस’ : पाटील
जिले के उत्तर विभाग में नक्सलियों की गतिविधिया शुरू होने की जानकारी प्राप्त हुई थी। इस जानकारी के आधार पर कोरची तहसील के दुर्गम क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा था। खासकर ग्यारापत्ती व कोटगुल परिसर पर पुलिस विभाग का अधिक फोकस था। रविवार को हुए मुठभेड में 5 नक्सलियों को ढेर करने में सफलता मिलने से विगत एक माह से जारी जवानों की मुहिम अंतता सफल हुई है। जवानों के इस वीरतापूर्ण कार्य से वे सराहना के पात्र होने की बात कहते हुए जवानों की विशेष प्रशंसा पुलिस उपमहानिरीक्षक संदीप पाटील ने की।