सप्ताह के दौरान नक्सलियों के हलचलें ?

  • अतिदुर्गम क्षेत्र में में नक्सलियों की बैठके

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गडचिरोली. 2 दिसंबर से नक्सलियों का पीएलजीए सप्ताह शुरू है. नक्सल सप्ताह के 4 दिनों में जिले में नक्सलियों की कोई हिंसक गतिविधीयां नहीं दिखाई दी है. मात्र नक्सल सप्ताह के दौरान दुर्गम क्षेत्र में नक्सलियों के बैठक द्वारा हलचले शुरू होने की विश्वसनिय जानकारी प्राप्त हुई है. विगत कुछ वर्षो में नक्सल आंदोलन बैकफुट गई दिखाई दे रहे है. ऐसे में नक्सली अपना अस्तीत्व दिखाने के प्रयास में होने की बात कहीं जा रही है. 

जिला पुलिस दल के नियोजनबद्ध कार्रवाई व बढते नक्सल विरोधी अभियान के चलते विगत कुछ वर्षो से नक्सल आंदोलन की बैकफुट जाने की स्थिती है. नक्सल आंदोलन के बडे नेते मारे गए है, कुछ नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया है. वहीं पुलिस के आत्मसमर्पण योजना अंतर्गत अनेक नक्सलियों ने आत्मसमर्पन करने से नक्सल आंदोलन केा व्यापक झटका लगा है. प्रति वर्ष 2 दिसंबर से 8 दिसंबर के कालावधि में नक्सलियों द्वारा पीएलजीए सप्ताह मनाया जाता है. इस सप्ताह के दौरान नक्सलियों द्वारा दुर्गम क्षेत्रों में हिंसक मंसूबों को अंजाम दिए जाते है.

मात्र इस वर्ष नक्सल सप्ताह के 4 दिनों में कोई भी अनुचित घटना नहीं हुई है. जिससे सर्वत्र शांता कायम है. मात्र नक्सल आंदोलन के बडे नेताओं ने जिले के कुछ दुर्गम क्षेत्र में बैठक आयोजित करने की जानकारी है. सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एटापल्ली तहसील के हेडरी पुलिस थाने से महज 7 किमी दूरी पर नदी तट पर नक्सली नेता ने गुंडापुरी, रेकानार व परसगोंदी इन 3 गांवों के ग्रामीणों को बुलाकर बैठक लेने की जानकारी है. इस समय नक्सल कमांडर के साथ 15 से 20 सशस्त्र नक्सली उपस्थित होने की जानकारी है. जिससे दुर्गम क्षेत्रों में नक्सलियों के हचलते शुरू होने की बात कहीं जा रही है. 

नक्सल सप्ताह का चौथा दिन शांतिपूर्ण 

नक्सलियों के पीएलजीए सप्ताह के दौरान जिला पुलिस दल ने विशेष सतर्कता बरतते हुए दुर्गम, अतिदुर्गम क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान तिव्र किया है. जिससे नक्सल सप्ताह के चाथे दिन भी दुर्गम क्षेत्रों में कोई हिंसक घटना नहीं दिखाई दी. सप्ताह के पहले दिन एटापल्ली परिसर के दुर्गम क्षेत्रों में नक्सलियों ने बैनर व पर्चो के माध्यम से नक्सल सप्ताह मनाने का आह्वान किया गया था. मात्र नागरिकों ने नक्सलियों के आह्वान को कोई प्रतिसाद न देते हुए बाजारपेठ शुरू रखी. तो नागरिकों के एक स्थल से दुसरे स्थल पर निर्भयता से आवागमन शुरू होने का दिखाई दे रहा है.