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भामरागड़. गड़चिरोली डिपो से भामरागड़-लाहेरी मार्ग के लिए छोड़ी गई रापनि बस को नक्सलियों ने रास्ते पर पेड़ डालकर रोक दिया. घटना बुधवार की रात में हुई. नक्सलियों की इस करतूत के कारण यात्रियों और चालक-परिचालक डर गए. गड़चिरोली डिपो ने बताया कि बस में बैठे 5 यात्री और चालक-परिचालक ठीक है. उन्हें किसी तरह का नुकसान नक्सलियों ने नहीं पहुंचाया.

रास्ते पर पेड़ काटकर डाला

जानकारी के अनुसार गड़चिरोली डिपो से लाहेरी की ओर नियमित रापनि की बस छोड़ी जाती है. बस लाहेरी में हाल्टिंग पर रहती है. हमेशा की तरह गड़चिरोली डिपो से बुधवार को भामरागड़-लाहेरी बस निकली. रात करीब 7.30 बजे नक्सलियों ने भामरागड़-लाहेरी मार्ग पर पेड़ काटकर डाला और बस को रोका. इसके बाद चालक ने बस भामरागड़ वापस लाने का निर्णय लिया. बस वापस ले जाते समय नक्सलियों ने पुन: सड़क पर पेड़ काटकर डाला और रास्ता रोक दिया. जिसके कारण यात्रियों और चालक-परिचालक डर गए. लेकिन नक्सली यात्रियों को कुछ नहीं कर जंगल में गायब हो गए. 

यात्री पैदल पहुंचे भामरागड़

नक्सलियों द्वारा रास्ता रोकने से दहशत में आए बस के यात्री पैदल भामरागड़ पहुंचे. वहीं चालक व परिचालक ने आसपास के गांव जाकर भोजन किया और बाद में बस में आकर सो गए. इस दौरान नक्सलियों द्वारा किसी तरह की अनुचित घटना को अंजाम नहीं देने से खतरा टल गया. लेकिन पूरी रात यात्रियों और चालक-परिचालक को दहशत में बितानी पड़ी. जिला पुलिस विभाग के नक्सल विरोधी अभियान ने नक्सली बैकफूट पर आ गए हैं. किंतु ऐसे में इस तरह की घटना के चलते फिर से एक बार नक्सली अपनी दहशत निर्माण करने का प्रयास कर रहे हैं. गुरुवार को सुबह मार्ग की यातायात सुचारू की गई.

बैनर व पर्चेबाजी

नक्सलियों ने भामरागड़-लाहेरी मार्ग पर पेड़ काटकर डालने के बाद बैनर लगाकर व पर्चे फेंके. इसमें नक्सलियों ने अखिल भारतीय बंद को सफल करने, 26 नवंबर को वाहन, दूकानें, होटल, प्रतिष्ठान, बाजार, स्कूल बंद रखने, मोदी सरकार का निषेध करने का आह्वान किया गया. बैनर व पर्चे में भाकपा (माओवादी) भामरागड़ एरिया कमेटी लिखा है.

अस्तित्व दिखाने की जद्दोजहद

गत 2 से 3 वर्षों से जिला पुलिस विभाग ने नक्सल आंदोलन के खिलाफ कई कार्रवाइयां कीं. आत्मसमर्पण योजना अंतर्गत नक्सलियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का सफल प्रयास किया. जिसके कारण नक्सली बैकफूट पर नजर आ रहा है. नक्सल विरोधी दल ने अनेक मुठभेड़ों में नक्सलियों का खात्मा करने से नक्सलियों को काफी झटका लगा. भामरागड़-लाहेरी मार्ग की घटना नक्सलियों द्वारा अस्तित्व दिखाने की जद्दोजहद होने की बात कही जा रही है.