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    • महंगे मोबाइल बने खिलौना

    चामोर्शी. मोबाइल फोन व्यक्ति की जरूरी सेवा में शामिल है. परंतु इन दिनों यह सेवा बार-बार बाधित हो रही है. उपभोक्ता परेशान हैं. कभी नेटवर्क की समस्या तो कभी कवरेज नहीं मिल रहा है. रिचार्ज भी व्यर्थ जा रहा है. मोबाइल सेवा देने वाली कंपनी मालामाल हो रही हैं. मोबाइल कंपनियों को 5-जी की चिंता है, लेकिन जिले में थ्री-जी व फोर-जी की सेवा से उपभोक्ता संतुष्ट नहीं हैं.

    थ्री-जी व फोर-जी का स्पीड व कवरेज नहीं मिल रहा है. आनलाइन पढ़ाई के लिए नेटवर्क नहीं मिलने से विद्यार्थी मोबाइल को अब खिलौना समझकर घर बैठे आफलाइन गेम खेल रहे हैं. महंगे मोबाइल खिलौना बए गए हैं. बीएसएनएल के बाद अब निजी मोबाइल सेवा को भी कवरेज का ग्रहण लगा है. जिससे ग्राहकों में व्यापक रोष है.

    चामोर्शी शहर में बड़ी संख्या में लगभग सभी मोबाइल कंपनियों के ग्राहक हैं. बीते एक वर्ष से सर्वत्र कोरोना का संक्रमण होने से अनेक लोग घर से ही कार्य कर रहे हैं. यह कार्य करते समय नेटवर्क के अभाव में व्यापक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे यह सेवा उपयोगहीन साबित हो रही है. 

    शिकायतों की अनदेखी 

    बीएसएनएल विभाग हो या निजी मोबाइल कंपनी, सभी उपभोक्तओं से मिलने वाली शिकायतों की अनदेखी कर रही हैं. चामोर्शी शहर समेत तहसील की जनसंख्या करीब 2 लाख है. शहर में 200 से अधिक ब्रॉडबैंड सेवा के ग्राहक हैं. वहीं निजी कंपनी के मोबाइलधारकों की संख्या भी काफी है. शहर समेत तहसील में बीएसएनएल समेत अन्य कंपनियों ने भी अपने टावर निर्माण किए हैं. कवरेज का सुधार नहीं हुआ है. कंपनियों ने रिचार्ज की कीमतों में भारी इजाफा किया है. थ्री-जी या फोर-जी ग्राहकों को सेवा नहीं मिलने से नेट व स्पीड आदि समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. गत कुछ दिनों में मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलने की शिकायतें भी हैं. 

    ग्रामीण क्षेत्र में विकट स्थिति 

    स्थानीय मोबाइल ग्राहकों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में भी निजी मोबाइल कंपनियों ने प्रवेश किया है. कवरेज की समस्या बनी हुई है. चामोर्शी में अनेक बैंक, स्कूल, महाविद्यालय, विभिन्न कार्यालय, आधार केंद्र, आपले सरकार केंद्र आदि की ओर निजी मोबाइल सेवा हैं. इनके हमेशा नेटवर्क, स्पीड के अभाव में कार्य प्रभावित होते देखे जाते हैं. गत एक वर्ष से कोरोना के चलते स्कूलें बंद हैं. विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाई और कंपनी के अनेक अधिकार, कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ करना पड़ रहा है. नेटवर्क के अभाव में कार्य करना मुश्किल हो रहा है. 

    आनलाइन पढ़ाई में हो रहीं दिक्कतें

    विगत कुछ माह से मोबाइल नेटवर्क, ब्राडबैन्ड सेवा का नेटवर्क व स्पीड की समस्या बनी हुई है. कवरेज नहीं होने से ग्राहक त्रस्त हैं. मोबाइल कवरेज नहीं मिलने की समस्या हर दिन की समस्या बन गई है. जिससे ऑनलाइन शिक्षा करनेवाले विद्यार्थियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. शिक्षकों और विद्यार्थी मोबाइल को अब खिलौना समझकर घर बैठे आफलाइन गेम खेल रहे हैं. ऐसी शिकायतें विद्यार्थी और पालकों ने की है.