Paddy production declines this year

तहसील में इस वर्ष के खरीप सीजन में 34,000र हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों ने धान की रोपाई की थी।

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  •  उत्पादन खर्च ज्यादा,  किसानों में निराशा

चामोर्शी. तहसील में इस वर्ष के खरीप सीजन में 34,000र हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों ने धान की रोपाई की थी। अब धान पककर काटने लायक हो गया है। किंतु फसलों पर कीटों ने हमला कर दिया जिससे धान के उत्पादन की पूरी संभावना है। इस कारण किसानों में निराशा भरी चिंता फैली है।

जिले में सर्वाधिक धान उत्पादन करनेवाले तहसील के रूप में चामोर्शी तहसील पहंचाना जाता है। दिन ब दिन धान उत्पादक किसान प्रकृति के चलते संकट में आ चुका है। जून से अगस्त के दौरान अतिवृष्टि के चलते हजारो हेक्टेयर की फसल बर्बाद हुई। उसके बाद धान फसलों पर कीटों ने हमला कर दिया।  जिससे धान फसल पूरी तरह बर्बाद होने लगे। ऐसी स्थिति में किसान धान फसल बचाने में संघर्ष कर रहे थे। मात्र कीटों का प्रभाव अधिक होने से इस पर किया गया खर्च भी हाथ से चला गया। धान फसलों की बुआई करने के लिए किसान सेवा सहकारी सोसायटी द्वारा बैंक  से कर्ज लेते है। उत्पादन अच्छा होने पर बैंक कर्ज चुकाते है। मात्र इस वर्ष उत्पादन में गिरावट होने से किसान चिंता में फंसे में है।

समर्थन मूल्य में सिर्फ 53 रूपयों की वृध्दि

हर वर्ष सरकार द्वारा समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। इस वर्ष केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 1, 868 रुपए क्विंटल की घोषणा की है। जो गत वर्ष से महज 53 रूपए अधिक है, पिछले वर्ष 700 रुपए बोनस दिया गया था। मात्र इस बोनस का लाभ बहुत कम किसानों को मिला। जिससे सरकार बोनस 1000 हजार रुपए दे व समर्थन मूल्य की मांग किसानों ने की है।

किसानों को मदद की आस

धान फसलों का बडा पैमाने में नुकसान हुआ है किंतु शासन की ओर से अब तक सर्वे नहीं किया गया है। जिससे किसानों को मदद मिलने  उम्मीद कम है। हर वर्ष किसान अपना जीवनयापन करने हेतु खेती करता है। मात्र दिन ब दिन प्रकृति के चलते खेती घाटे में जाने से किसानों में निराशा फैली है। खेती कैसे करे, ऐसा प्रश्न किसानों को लगा है।