Pataguda-Korla road, decades old in a bad shape

जिले के अंतिम छोर पर बसा सीमावर्ती वनाच्छादित पातागुडा गांव इन दिनों सुर्खिया बटोर रहा है।

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  • सड़कों की मरम्मत का इंतजार, कम होगी जिला मुख्यालय की दूरी।

सिरोंचा. जिले के अंतिम छोर पर बसा सीमावर्ती वनाच्छादित पातागुडा गांव इन दिनों सुर्खिया बटोर रहा है। कारण है राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख का दिवाली का त्यौहार वहां तैनात जवानों संग मनाना । जिसकी स्थानीय मीडिया मे खुब चर्चा हुई। संभावता राज्य के किसी महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालने वाले मंत्री का इस तरह गांव का पहला दौरा करना एवं वहां किसी त्यौहार का गवाह बनना। इससे जवनों में  नया जोश उत्साह फैल गया है। साथ ही ग्रामीण भी अपने मंत्री को देख खुश नजर आये। इसलिए ग्रामीणों ने दशकों पुराने पातागुडा कोरला मार्ग का मरम्मत की मांग की है। जिससे आवगमन सुलभ होगा।

पातागुडा कोरला मार्ग जो दशकों पहले बनाया गया। मगर समयानुसार मरम्मत के अभाव मे अब यह सड़क अपना अस्तित्व खो रही है। इस ओर ना जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया ना ही स्थानीय प्रशासन ने। जिससे यह सड़क आज के हालातों मे चलने योग्य भी नहीं है। जबकी यह सड़क पातागुडा, रायगुडा, पेन्डयाला, सोमनपल्ली, कोप्पेला क्षेत्रों  के अलावा पडासी राज्य छत्तीसगढ के सीमावर्ती जिला बीजापुर के यात्रियों के लिये काफी सुविधाजनक हो सकती है। जिसके जरिये वे जिला मुख्यालय के अलावा विधानसभा सभा मुख्यालय कम समय में पहुंच सकते है। जबकी बीजापुर जिले के लोगों का जिले के अनेक नगरों से रोटी बेटी का रिश्ता बना हुआ है। जिनका निर्वाहन करने उन्हे अक्सर आना होता है।

जबकी कोरला के आगे देचीलीपेटा से जिम्मलगट्टा के बीच संगीनों के साये मे पुलिया बनायी गयी है। जिससे पेटा एवं कोरला क्षेत्र जिम्मलगट्टा के जरिये विधानसभा मुख्यालय एवं जिला मुख्यालय से बारहमासी तौर पर जुड़ चुके है। जबकी पातागुडा के समीप इन्द्रावती नदी पर हाल ही के समय ब्रीज का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जिस पर आवगमन भी शुरु हो चुका है। वर्तमान में उन क्षेत्रों के यात्रियों को ब्रीज पार कर राज मार्ग 63 के जरिये सिरोंचा होते हुए अहेरी एवं गडचिरोली पहुंचना होता है। जिसमे समय के अलावा दूरी ज्यादा होती है। सड़क की महत्व एवं उपयोग पर संज्ञान मे लेकर वर्तमान  सरकार इसके मरम्मत एवं रास्ते पर पड़ने वाले नालों पर पुलियों का निर्माण कर इससे आवगमन के काबिल बनाये तो पातागुडा क्षेत्र के अलावा पडोसी राज्य के सीमावर्ती जिले के लोगों के आवगमन मे सुविधा होगी । साथ ही उनका समय एवं खर्च की बचत होगी।