कोरोना कालावधि में संविधान प्रास्ताविकता का वाचन घर से करें

  • सामाजिक कार्यकर्ते सुरेंद्र अलोणे का आह्वान

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अहेरी. भारतीय राज्य घटना के शिल्पकार डा. बाबासाहेब आंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को भारत को भारत का संविधान सौंपा. संविधान का जपन व जतन करने के लिए कोरोना कालावधि में सभी ने भारतीय संविधान का प्रस्ताविकता का वाचन घर से करे, ऐसा आह्वान सामाजिक कार्यकर्ते सुरेंद्र अलोणे ने प्रेस विज्ञप्ति से किया है.

प्रेस विज्ञप्ति में सुरेंद्र अलोणे ने कहा है की, भारतीय राज्य घटना के शिल्पकार डा. बाबासाहेब आंबेडकर ने अथक परिश्रम लेकर 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारतीय संविधान तैयार कर 26 नवंबर 1949 को देश को अर्पित किया होकर भारतीय संविधान यह भारत का सर्वोच्च कानून होकर संविधान यानी एक तरह प्राणवायु है. जिससे सभी संविधान प्रास्ताविकता का वाचन घर से करने का आह्वान सुरेंद्र अलोणे ने किया है. संविधान में मानवीय जीवन का मूलभूत अधिकार, मूलभूत कर्तव्य, समता, स्वतंत्र, बंधुता , न्याय यह जीवन पद्धत दी होकर जीवन का दुःख, दैन्य, प्रश्न, समस्या दूर करने का सामर्थ्य संविधान में होने से भारतीय संविधान प्रास्ताविकता का वाचन घर से करने का आह्वान सुरेंद्र अलोणे ने किया है.