संतत्प किसानों का 7 घंटे चक्काजाम, 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने की मांग

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कुरखेडा. तहसील के गेवर्धा परिसर के कृषिपंपों को 24 घंटे अखंडीत बिजली आपूर्ति करे, इस मांगा को लेकर विगत 2 माह से संघर्ष करनेवाले किसानों को दिए गए आश्वासनों की पूर्ति नहीं होने से अंत: संतत्प हुए किसानों ने सोमवार 7 दिसंबर को कुरखेडा-वडसा मार्ग के गुरनोली मोड पर चक्काजाम आंदोलन किया. उक्त आंदोलन करीब 7 घंटे तक जारी रहा. जिससे सडक के दोनों छोर पर वाहनों की कतारे लग गई थी. 

गेवर्धा बिजली फिडर पर के से कृषी पंपों के लाईन पर 16 घंटे लोड शेडिंग तो 8 घंटे बिजली आपूर्ति किए जाने से रब्बी सीजन की धान फसल खतरे में आयी है. जिससे परिसर के 10 से 12 गांव के किसान विगत 2 माह से बिजली वितरण कंपनी के निति के खिलाफ विभीन्न माध्यमों से मांग व संघर्ष कर रहे है. मात्र बिजली वितरण कंपनी ने किसानों को आश्वासन देते हुए टालमटोल निति अपनाई. जिससे संतत्प हुए किसानों ने विधायक कृष्णा गजबे पूर्व जिप सदस्य सुरेंद्रसिंह चंदेल, खरीदी बिक्री संस्था के अध्यक्ष व्यंकटी नागीलवार, विलास गावंडे, पूर्व नगराध्यक्ष रविंद्र गोटेफोडे, पूर्व पं.स. सदस्य चागंदेव फाये, आशीष काले, गणपत सोनकूसरे, विनोद खूणे, मनोहर लांजेवार, दशरथ लाडे, भगवान डहाले, गुणवंत कवाडकर जि.प. सदस्य गिता कूमरे, पुरषोत्तम तिरगम रोशन सय्यद इनके नेतृत्व में आज सोमवार को सुबह 9 बजे से गुरनोली टर्निंग पर चक्काजाम आंदोलन शुरू किया. मांग पूर्ण होने तक आंदोलन पिछे न लेने की आक्रमक भूमिका आंदोलकों द्वारा लेने से बडी दिक्कत निर्माण हुई थी. 

इस समय उपविभागीय पुलीस अधिकारी जयदत्त भंवर, तहसीलदार सोमनाथ माली, थानेदार सूधाकर देडे, सहायक पुलीस निरीक्षक समीर केदार, उपविभागीय बिजली अभियंता मूरकूटे ने आंदोलकों से बिनती करने का प्रयास किया. मात्र आंदोलन अपने मांग पर कायम रहते हुए आश्वासन पर विश्वास न रखते हुए बिजली कंपनी के जिलास्तरीय वरीष्ठ अधिकारियों को आंदोलनस्थल पर आमंत्रित करेन की मांग उनके द्वारा लिखीत आश्वासन मिलने तक आंदोलन पिछे न लेने की भूमिका पर अडे थे. जिसेस बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों के समक्ष बडी दिक्कत निर्माण हुई थी. इस आंदोलन के दौरान करीब 7 घंटे यातायात ठप्प हुई थी. जिससे सडक के दोनों छोर पर वाहनों की कतारे लग गई थी. 

मध्यस्थता के बाद ठिय्या आंदोलन 

लोडशेडिंग के कारण त्रस्त किसानों के गुरनोली टर्निंग पर चक्काजाम आंदोलन के कारण कुरखेडा-वडसा इस राष्ट्रीय महामार्ग पर की यातायात करीब 7 घंटे के लिए बाधित हुई थी. इस दौरान पुलिस ने मध्यस्थता करते हुए सडक खुली करने की बिनती की. आंदोलकों ने भी पुलिस को सहयोग करते हुए चक्काजाम आंदोलन के बजाएं गेवर्धा सबस्टेशन में ठिय्या आंदोलन शुरू कर सडक खुली की. समाचार लिखे जाने तक शामतक किसानों के मांगे पूर्ण न होने से आंदोलन जारी था.