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    गड़चिरोली. कोरोना संक्रमित मरीज के होम क्वारंटाईन रहते समय उपचार के अभाव में मृत्यु होने पर सरपंच, ग्रामसेवक, पटवारी पर प्रशासकीय कार्रवाई की जाएगी, ऐसी चेतावनी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार आशीर्वाद ने दी है. इस संदर्भ में 26 अप्रैल को पंस के गुटविकास अधिकारी, गुटशिक्षणाधिकारी के नाम पर आदेश निर्गमित किए हैं. सीईओ के इस नए आदेश के कारण जिलेभर के गांव स्तर पर कार्यरत संबंधित कर्मचारियों के साथ सरपंच में खलबली मची है.

    कोरोना पाजिटिव पाए गए कोरोना बाधित मरीज पर उसके लक्षण के अनुसार कोरोना क्वारंटाईन कक्ष में या होम क्वारंटाईन में रहने का विकल्प दिया गया है. होम क्वारंटाईन में होने वाले मरीज का दैनंदिन ब्यौरा देने की जिम्मेदारी शिक्षक पर सौंपी गई है. तहसील के जिस गांव में इंटरनेट कवरेज नहीं है, ऐसे गांव में आशा वर्कर होम क्वारंटाईन हानेवाले मरीज को रोजाना भेंट दे व पल्स, आक्सीमीटर से शरीर के आक्सीजन का प्रमाण जांचे.

    शिक्षक सप्ताह में 2 बार गांव में भेंट देकर आशा की ओर से मरीजों की जानकारी इकट्टा करे व तहसीलस्तर पर आकर गूगल शीट भरे, ऐसी बात भी आदेश में कही गई है. पंचायत समिति के गुट शिक्षणाधिकारी तहसील स्वास्थ्य अधिकारी से समन्वय बनाकर तहसील के जिन गांवों में इंटरनेट कवरेज नहीं है, वहां के शिक्षकों की सूची तैयार करे तथा वह तहसील के सभी वैद्यकीय अधिकारी को जानकारी हेतु पेश करे, ऐसी बात भी कही है.

    होम क्वारंटाईन में होनेवाले गंभीर मरीज की जानकारी आशा वर्कर से प्राप्त होने के बाद उक्त गंभीर मरीज को तहसील के कोविड केयर सेंटर, डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में दाखिल करने की जिम्मेदारी गांव के सरपंच, ग्रामसेवक, पटवारी पर रहेगी. इस सूचना का पालन न करने पर व उससे होम क्वारंटाईन में होनेवाले मरीज की मृत्यु होने पर संबंधित गांव के सरपंच, ग्रामसेवक, पटवारी प्रशासकीय कार्रवाई के लिए पात्र रहेंगे. सीईओ के इस नए आदेश के कारण गांव स्तर पर कार्यरत इन प्रशासकीय कर्मचारियों के साथ ही दक्षता समिति के सरपंच में खलबली मची है.