4.50 हेक्टयर में धान की बुआई, पानी नहीं गिरने से किसानों का नुकसान

Loading

देसाईगंज. धान की बुआई कर करीब 20 दिनों का समय बीत चुका है. किंतु रोहिणी तथा मृग नक्षत्र में हल्की बारिश के अलावा आवश्यक मात्रा में बारिश नहीं होने के कारण धान के रोप नष्ट होने के कगार पर है. विसोरा परिसर में करीब 460 हेक्टेयर क्षेत्र पर खरीफ सीजन के फसलों की बुआई होने वाली है. 21 जून को आर्द्रा नक्षत्र की शुरुआत हुई. आद्रा नक्षत्र के दूसरे और तीसरे दिन धान रोप डालने वाली बारिश हुई. किंतु पहले ही आठ-दस दिनों से बारिश नहीं होने से तथा धूप अधिक होने से खेतजमीन सूखी पड़ी. परिणामस्वरूप धान रोप की जमीन का गीलापन निकल जाने से जमीन कड़क हो चुकी है. जमीन सूखने के बाद धान के रोप मुरझा रहे हैं. अब धान रोप को बचाने हेतु किसान साधन द्वारा रोपों को पानी दे रहे हैं. पहले ही कुछ किसानों को कृषि कर्ज नहीं मिलने से उधार पैसे मांगकर बुआईपूर्व मशागत, बीज खरीदी की है. आने वाले पांच-दस दिनों में बारिश नहीं होने से सिंचाई सुविधा नहीं रहने वाले किसानों के रोप पूर्णत: नष्ट होने की संभावना है.