टॉकीज की ओर दर्शकों ने फेरा मुंह, कोरोना की दहशत दर्शकों में कायम

  • 50 प्रश दर्शक अनुमति से सिनेमागृह मालिक संकट में

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गडचिरोली. कोरोना संकट के कारण मार्च माह से तालाबंद होनेवाले सिनेमा हॉल दिपावली के मद्देनजर खोलने में सरकार ने अनुमति दी. जिले में एकमात्र स्थान होनेवाले गडचिरोली जिले के दोनों सिनेमा हॉल दीपावली के मुहूर्त पर खोले गए. मात्र कोरोना की दहशत से दर्शकों ने सिनेमा हॉकर ओर मुंह फेरने से किसी भी सिनेमा हॉल में फिल का ‘शो ऑन’ नहीं हुआ.

कोरोना संकट के चलते देश समेत राज्य में मार्च माह से लॉकडाऊन घाषित किया गया. इसके पश्चात धिरे धिरे लॉकडाऊन में शिथिलता देते हुए कुछ व्यवहार शुरू किए गए. मिशन बिगीन अनलॉक अंतर्गत दशहरे के मुहूर्त पर जीम तो दीपावली के मुहूर्त पर राज्य के सिनेमा हॉल को भी 50 प्रश क्षमता के अनुसार शुरू करने की अनुमति दी गई. अनुमति मिलते ही सिनेमा हॉल संचालकों ने सिनेमा हॉल की सफाई कार्य आरंभ्ज्ञ किया. सिनेमा हॉल विगत 9 माह से बंद होने से कार्यरत स्टॉफ का संचालकों को खोज करना पडा. सिनेमा हॉल चालकों के समक्ष कोरोना के पश्चात सबसे बडी दिक्कत थी वह नए फिल्मों की. डिस्ट्रीब्युटर की ओर से पुराने फिल्म दिखाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. वहीं 50 प्रश क्षमता में शो होनेवाला है, जिससे सिनेमा हॉल मालिकों को घाटा उठाना पडेगा. सिनेमा हॉल चलाने का खर्च डबल हुआ है. दर्शकों को रिझानेवाले फिल्म नहीं होने से दीपावली के छूट्टी में भी दर्शक सिनेमा हॉल की ओर नहीं भटके. पुराने फिल्म सिनेमा हॉल में आकर देखनेवालों की संख्या उंगलियों पर गिनने जितनी है. जिससे सिनेमा हॉल व्यावसाईयों पर अब भी कोरोना का संकट कायम होने की बात कहीं जा रही है. 

सिनेमा हाल में बरती जा रही सतर्कता

जिले में गडचिरोली इस एकमात्र शहर में अलंकार व सत्यम ऐसे कुल 2 सिनेमा हॉल है. सरकार के निर्देश के अनुसार इस जगह कुल बैठक क्षमता के 50 प्रश तिकट के बिक्री की अनुमति है. फिजीकल डिस्टन्सिंग कायम रखने के लिए बिच की खुर्ची खाली रखी जा रही है. साथ ही सॅनिटायझर तथा शो समाप्त होने के पश्चात निर्जंतुकीकरण के लिए छिडकांव करने का नियोजन किया गया होकर सिनेमा हॉल स्टाफ की ओर से इसकी तैयारी की गई है. 

पुराने फिल्मों को दर्शकों की ‘ना’

नए फिल्म नहीं होने से दर्शकों को क्या दिखाएं ? पुराने फिल्म देखने के लिए दर्शक आऐंगे क्या? ऐसा प्रश्न सिनेमा हॉल संचालकों को के समक्ष निर्माण हुए है. साथ ही अनेक माह से बंद होनेवाले सिनेमा हॉल शुरू करने में ही व्यापक खर्च करना पडा. जिससे वित्तीय भुर्दंड में वृद्धी हुई है. ऐसे में युपो का खर्च सिनेमा हॉल संचालकों पर डाला जा रहा है. जिससे प्रोड्युसर की ओर से सहुलियत मिलने की आवश्यकता है. युपो का किराया कम करने पर ही डिस्ट्रीब्युटर व सिनेमा हॉल संचालक कुछ कर पाऐंगे, ऐसी स्थिती निर्माण हुई है. 

कोरोना के कारण दर्शक अब भी अनउत्साही

सरकार के आदेश के अनुसार व दिए गए निर्देश के अनुसार 20 नवंबर से दर्शकों के लिए सिनेमा हॉल शुरू किए गए है. मात्र कोरोना की दहशत से अबतक दर्शक सिनेमा हॉल में आने में अनउत्साही दिखाई दे रहे है. प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार कोरोना संक्रमण टालने के दृष्टि से सिनेमा हॉल में विशेष सतर्कता बरती गई है. सिनेमा हॉल की 326 आसन की क्षमता होने के बावजूद सरकार के निर्देश के अनुसार 50 प्रश दर्शकों को अनुमति दी गई है. उस दृष्टि से सिनेमा हॉल में एक खुर्ची छोड दर्शकों को बैठने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ सिनेमा हॉल में प्रवेश करने के पूर्व दर्शकों की थर्मन स्क्रिन टेस्टींग, सॅनिटायजर का उपयोग किया जा रहा है. वहीं स्वच्छतागृह में साबुन, पानी की व्यवस्था की गई है. मात्र अबतक दर्शकों ने सिनेमा हॉल में कदम नहीं रखे है, जिससे हमारा व्यापक नुकसान हो रहा है. 

– अमिन लाखानी, अलंकार टॉकीज मालक, गडचिरोली