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(File Photo)

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गड़चिरोली. आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में वर्ष 1993 में शराब बंदी का कानून लागू किया गया. बावजूद इसके आज भी जिले में शराब की नदियां बह रही है. शराब की बिक्री पुलिस साठगांठ से शुरू होने का आरोप शिवसेना के जिला प्रमुख राजगोपाल सुल्वावार ने लगाया है. इस संदर्भ में उन्होंने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच कर दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.

ज्ञापन में सुल्वावार ने कहा है  कि, कोविड-19 के चलते जिले की सारी सीमाओं को सील किया गया है. जिले से बाहर जाने वाले या प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को ई-पास अनिवार्य किया गया है. बावजूद इसके अन्य जिलों से गड़चिरोली में शराब पहुंच रही है. शराब का यह परिवहन पुलिस साठगांठ के बिना असंभव है. जिले के चामोर्शी, आष्टी, एटापल्ली व अन्य स्थानों पर इन दिनों धड़ल्ले से शराब की बिक्री शुरू है. पुलिस विभाग को इस अवैध धंधे की जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. मामले की कड़ी जांच कर दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी सुल्वावार ने अपने ज्ञापन के माध्यम से की है.