Process for transfer of tank immediately, Chairman of Standing Committee gave instructions to the administration

  • सुभाषग्राम में नल योजना बनी सफेद हाथी
  • लाखों के निधी की बर्बादी, शोपिस बना जलकुंभ

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सुभाषग्राम. चामोर्शी तहसील के गुट ग्राम पंचायत होनेवाले सुभाषग्राम में नल जलापूर्ति योजना को मंजूरी मिलने के बाद लाखों रूपये खर्च कर जलकुंभ कर निर्माण किया गया. गांव में पाईपलाईन लाईन बिछाकर नागरिकों घर तक नल कनेक्शन लगाए गए. मात्र विगत 4 वर्षो से इस नल जलापूर्ति योंजना से नागरिकों के घरों तक अबतक पानी नहीं पहुंचा है. गांव में निर्माण किया गया जलकुंभ केवल शोपिस बनकर खडा है. जिससे सुभाषग्राम में नल जलापूर्ति योजना सफेद हाथी बनकर रह गई है. वहीं सरकार के लाखों रूपये बर्बाद होने की स्थिती यहां दिखाई दे रही है. इसके लिए जिम्मेदार कौन, ऐसा सवाल स्थानीय नागरिकों द्वारा उठाते हुए तत्काल जलापूर्ति शुरू करने की मांग की जा रही है. 

चामोर्शी तहसील के सुभाषग्राम अंतर्गत सुभाषग्राम, नरेंद्रपूर व ठाकुरनगर इन गांवों का समावेश है. सुभाषग्राम की जनसंख्या करीब 2500, नेंद्रपूर की 1200 तो ठाकुरनगर की 1160 है. यहां के ग्रामीणों को शुद्ध जलापूर्ति करने व पानी की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश से ग्राम पंचायत प्रशासन की ओर से गांव में नल जलापूर्ति योजना क्रियांन्वित करने का प्रस्ताव लिया गया. इस प्रस्ताव को वर्ष 2014-15 में योजना को मंजूरी दी गई. इस योजना के लिए 68 लाख रूपयों का निधी मंजूर किया गया. निधी मंजूर होने के बाद निजि ठेकेदार के माध्यम से यहां पर योजना का निर्माणकार्य शुरू किया गया. शघ्रि ही गांव में सुसज्ज पानी टंकी का निर्माण हुआ. गांव में सर्वत्र पाईप लाईन बिछाकर ग्रामीणों के घरों तक नल कनेक्शन भी लगाए गए. शुरूआत में नल से जलधाराएं बहने लगी. जिससे गांव में पानी की समस्या से कायम स्वरूप में मुक्ति मिलने की बात मानकर ग्रामीणों ने खुशी भी व्यक्त की. किंतू कुछ दिनों में ही जलापूर्ति योजना में तकनिकी बिघाड के चलते जलापूर्ति ठप्प हुई. जो आजतक गांव में नल से जलापूर्ति नहीं हो पायी है. नलों से बुंदे टपकने के इंतजार में 4 साल बित गए किंतू जलापूर्ति योजना के मरम्मत की ओर अबतक ध्यान नहीं दिया गया है. जिससे गांव में खडी पानी टंकी व घरों में लगाए गए नल शोपिस बनकर रह गए है. लाखों रूपये खर्च कर नर्मिाण की गई जलापूर्ति योजना सफेद हाथी साबित हुई है. 

केवल 4 दिन हुई जलापूर्ति
इस संदर्भ में सरपंच सतीश रॉय से पुछने पर उन्होने बताया कि, योजना क्रियान्वित होकर शुरू की गई. इस दौरान केवल 4 दिन तक ही गांव में जलापूर्ति हुई. इसके बाद जलापूर्ति के लिए लगाया गया ट्रान्सफार्मर जल गया और मिटर भी बंद हो गया. इसे 4 साल बित गए. मात्र मरम्मत का कार्य नहीं हो पाया. इस संदर्भ में वरीष्ठ स्तर पर शिकायत की है. लेकर अबतक अधिकारियों ने गंभिरता से ध्यान नहीं देने की बात उन्होने कहीं. 

ग्रामीणों में रोष
इस संदर्भ में विमुंस के अध्यक्ष विकास मंडल ने कहां है कि, लाखों रूपयों की लागत से योजना क्रियान्वित की गई. लेकर ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया है. लाखों रूपयों की निधी पानी में बह गई है. और पानी की समस्या कायम है. जिससे जिला प्रशासन व ग्रापं प्रशासन के कार्य प्रणाली के प्रति ग्रामीणों में रोष नर्मिाण हो रहा है. इस ओर प्रशासन गंभिरता से ध्यान देकर योजना तत्काल शुरू करने की मांग उन्होने की.