Vijay Wadettiwar

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    • चंद्रपूर के तर्ज पर उठ रही शराबबंदी हटाने की मांग 

    गड़चिरोली. 6 वर्ष की कालावधि के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने चंद्रपुर जिले की शराबबंदी हटाने का निर्णय लिया है. अब चंद्रपुर जिले की शराबबंदी हटने के बाद चंद्रपुर जिले के तर्ज पर  गड़चिरोली जिले में भी शराबबंदी हटाने की जोर पकड़ रही है. ऐसे में शनिवार को गड़चिरोली जिले के दौरे पर आए मदद व  पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि, यदि गड़चिरोली जिले में लागु शराबबंदी हटाने की मांग जिले की नागरिकों द्वारा की जाएगी तो शराबबंदी पर समिक्षा करने के लिये सरकार समीक्षा समिति का गठण करेगी.

    जिसके बाद समिति द्वारा जिले की स्थिति पर समीक्षा कर पेश की जानेवाली रिपोर्ट के बाद ही राज्य सरकार गड़चिरोली जिले में शराबबंदी हटाने संदर्भ में निर्णय ले सकती है. ऐसी जानकारी मंत्री वडेट्टीवार ने दी है.

    शराबबंदी हटाने की मांग पकड़ रही जोर

    राज्य के सबसे पिछड़े, उद्योग विरहित, नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में वर्ष 1993 में शराबबंदी कानून लागु किया गया है. इस जिले में शराबबंदी कानून को 28 वर्षो की कालावधि पूर्ण हो गयी है. लेकिन शराबबंदी होने के बावजूद भी इस जिले में शराब की नदियां बह रही है. शराब तस्करी में अनेक लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी. वहीं पुलिस ने करोड़ों रूपयों की शराब जब्त कर अनेक शराब तस्कर और शराब विक्रेताओं पर अपराध दर्ज किए है.

    फिर इस जिले में शराब बिक्री थमने का नाम नहीं ले रही है. लॉकडाउन के दौर में भी बड़ी सहजता से शराब उपलब्ध हो रही है. फिर जिले में कैसी शराबबंदी? ऐसा उपस्थित करते हुए अनेक राजनितिक दल समेत सामाजिक संगठनों द्वारा भी चंद्रपुर जिले के तर्ज पर गड़चिरोली जिले में शराबबंदी हटाने की मांग जोर पकड़ रही है.

    मंत्री वडेट्टीवार के ऐलान से कही खुशी कही गम

    चंद्रपुर जिले की शराबबंदी हटाने के लिये मंत्री विजय वडेट्टीवार ने महत्वपूर्ण भुमिका निभाई है. इससे पहले भी उनके द्वारा चंद्रपुर जिले की शराबबंदी हटाने के लिये अल्टिमेटम दिया गया था. आखिरकार उनके द्वारा दिये गये अल्टिमेटम के भितर ही राज्य सरकार ने चंद्रपुर जिले की शराबबंदी हटाने का निर्णय लिया है. अब शनिवार को उन्होंने गड़चिरोली जिले में पहुंचकर लोगों की मांग होने पर जिले की शराबबंदी हटाने के लिये समीक्षा समिति गठीत करने का ऐलान किया है.

    उनके इस ऐलान से शराबबंदी हटाने की मांग करनेवालों में खुशी का वातावरण दिखाई दे रहा है. मात्र दुसरी ओर शराबबंदी हटाने का विरोध करनेवाले खेमे में गम दिखाई दे रहा है. बता दे कि, जिले में शराबबंदी कायम रखने के लिये इससे पहले जिले के अनेक गांवों में प्रस्ताव पारित कर सरकार को ज्ञापन  भिजवाया है.