लोगों के साथ ही सांपों की रक्षा में जुटा यह जवान

  • अब तक बचाई 482 सांपों की जान
  • ग्रामीण भी कायल इस जवान के दिलेरी से

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सिरोंचा. उपविभाग पुलिस केंद्र सिरोंचा के एक थाने मे पदस्त जवान अपनी दिलेरी एवं जनसेवा के चलते सुर्कीयाँ बठोर रहा है. छात्र जीवन से ही वन्य प्राणियों से लगाव एवं प्रेम के चलते यह जवान अपने मित्रों मे अपनी अलग पहचान रखता आया है. पढाई के बाद पुलिस विभाग मे नौकरी लगने के बाद भी जवान वन्य प्राणियों से प्रेम को बरकारार रखा है. उनके मुताबिक वे नौकरी लगने से कुछ वर्ष पहले भी सर्प मित्र बनकर अनेक सर्पों को जीवनदान दिया था.

सिरोंचा पुलिस उपविभाग के रेगुंटा पुलिस केंद्र में तैनात जवान गौतम गवाई जो मूलत से अकोला जिले का निवासी है, मगर वर्ष 2012 मे महाराष्ट्र पुलिस मे उनका चुनाव हुआ. इस दौरान वे गडचिरोली जिले के बिहडों मे मौजूद पुलिस केन्द्रों पर अपनी सेवा दी है. वे बीते कुछ वर्षों से वे सिरोंचा क्षेत्र मे तैनात है. जानकारी के मुताबिक गौतम ने सर्पमित्र के रुप मे अब तक के अपने जीवन मे लगभग 482 सर्पो को जीवनदान दिया है। इनकी तैनाती ज्यादातर उन क्षेत्रों मे हुई है. जो घने जंगलोवाले क्षेत्र  है. जहां अक्सर सर्पो के आबादी वाले इलाकों मे आने की बातें सामने आते है. कभी कभार तो इनकी तैनातीवाले पुलिस थानों मे सांपो के निकलने की घटनाएं घटी है. मगर वे पूरी सावधानी का पालन करते हुए सांपो को नजदीकी जंगल मे छोड आते है. लोगों को उन्हे नुकसान ना पहुंचाएं इसके लिये प्रेरित करते है. गौतम ने अब तक 482 के करीब सांपो को बचाने मे सफल हुए है. 

हालात भी होते है चुनौती पुर्ण 

कुछ संदर्भों में थाने से बाहर जाकर आबादि वाले इलाको मे अचानक निकले सांपों को बचाने मे वे असहज महसूस करते है. इसके पीछे वजह ऐसे क्षेत्रों मे इनकी तैनाती होना जो घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. जहां जवानो को अनेक तरह के खतरों का सामना करते हुए ड्यूटी करनी होती है. साथ ही उन्हे थानों से बाहर निकलने पर अनेक तरह के बन्दिशें लागू होती है. जबकी गौतम वर्तमान मे रेगुंटा पुलिस थाने में तैनात है. जहां वे अपने इस हुनर एवं विशेषता के चलते स्थानीय लोगों के चहीते बने हुए है.        

प्रसिद्धी से रहते है दूर

 ऐसे काम को अंजाम देने वाले दिलेर जवान गौतम गवाई को सोशल मिडिया व अखबारों के पन्नों मे प्रसिद्धी पाना बिल्कुल पसंद नही है. वे अक्सर इस क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों से बचते नजर आये है. जबकी ऐसे कार्य करने के लिये जज्बा एवं दिलेरी की जरुरत होती है. जिसमें जान का खतरा अक्सर बना रहता है. वहीं आज के समय लोग सोशल मिडिया एवं मिडिया प्लेटफार्म पर चमकोबाजी करना ज्यादा करते है. बावजूद इसके ये जवान प्रसिद्धी से बचते फिरते है. अपने अब तक के जीवन मे जवान गौतम ने साधरण सांपों के अलावा विशैले सांप कोबरा जैसे प्रजाती के सांपो को सुरक्षित बचाने मे कामयाब हुए है. इनका दिलेरी का लौहा इनके साथी जवान भी मानते है.