बिजली नितियों का कर्मीयों ने किया निषेध

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गडचिरोली. केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए बिली बिल कानुन व उर्जा क्षेत्र के कंपनीयों का निजीकरण करने की नितियों का निषेध करते हुए गडचिरोली के महावितरण कार्यालय के कर्मचारी व अभियंता ने 1 जून को काले फित लगाकर निषेध किया. 

केंद्र सरकार के नई नितियों के कारण देशभर के किसान, औद्योगिक ग्राहक व गरीब जनता को अनेक समस्याओं का सामना करना पड रहा है. नई नितियों के चलते उर्जा क्षेत्र में नर्णिय लेने के राज्य सरकार के अधिकार में कटौती आनेवाली है. जिससे अनेक संकटों का सामना करना पड रहा है. सभी अधिकार केंद्र सरकार की ओर जानेवाले है. गरीब नागरिक, किसानों को दी जानेवाली सबसिडी बंद होने की संभावना है. उक्त निति केवल निजी कंपनियों के लिए पोषक है. कोरोना के मद्देनजर बिजली कर्मचारी व अभियंता आंदोलन नहीं कर सते है, यह बात ध्यान में लेकर केंद्र सरकार ने चोरीछुपे नई निति लागू करने की तैयारी शुरू की है. इस निति का विरोध करते हुए प्रथम चरण में 1 जून को काला दिवस मनाया गया. गडचिरोली प्र-विभाग के कर्मचारी व अभियंताओं ने काले फित लगाकर आंदोलन किया. आंदोलन का नेतृत्व अश्विनी बनसुले, संतोष रुद्रशेट्टी, सुरेश लडके, पवन टिकार ने किया. 

कुरखेडा में भी मनाया काला दिवस
केंद्र सरकार के बिजली नितियों का निषेध करते हुए करुखेडा के उपविभागीय महावितरण बिजली विभाग के कार्यालय के समक्ष कर्मीयों ने काले फित लगाकर काला दिवस मनाया. इस समय सहाय्यक अभियंता डी. एम. झोडापे, एस. एम. निखारे, धिरज चव्हाण, फिरोज खान पठाण, पवन बोरकुटे, संदिप क्षिरसागर, आकाश गाडगे, राधेश्याम कुथे, मधूकर किलन्न आदि उपस्थित थे. सामाजिक दूरी बनाए रखकर यह आंदोलन किया गया.