1/10
नवाज़िश, कर्म, शुक्रिया, मेहरबानी. मुझे बख्श दिया आपने ज़िन्दगानी...
नवाज़िश, कर्म, शुक्रिया, मेहरबानी. मुझे बख्श दिया आपने ज़िन्दगानी...
2/10
हर इश्क़ का इक वक़्त होता  है, वो हमारा वक़्त नहीं था। पर इसका ये मतलब नहीं की वो इश्क नहीं था...
हर इश्क़ का इक वक़्त होता है, वो हमारा वक़्त नहीं था। पर इसका ये मतलब नहीं की वो इश्क नहीं था...
3/10
बादशाहत भाईचारे को नहीं देखती...
बादशाहत भाईचारे को नहीं देखती...
4/10
तू साथ होकर भी साथ नहीं होती. अब तो राहत में भी राहत नहीं होती...
तू साथ होकर भी साथ नहीं होती. अब तो राहत में भी राहत नहीं होती...
5/10
हम आज जो फैसला करते है वही हमारे कल का फैसला करेगा...
हम आज जो फैसला करते है वही हमारे कल का फैसला करेगा...
6/10
शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर गालिब, या वो जगह दिखा दे जहा खुदा ना हो...
शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर गालिब, या वो जगह दिखा दे जहा खुदा ना हो...
7/10
सभी इंसान एक जैसे ही होते है. वही दो हाथ, दो पाव, आंखें, कान, चेहरा. सबके एक जैसे ही तो होते है. फिर क्यों कोई एक, सिर्फ एक ऐसा होता है जो इतना प्यारा लगने लगता हैं. की अगर उसके लिए जान भी देनी पड़े, तो हसते हसते दी जा सके...
सभी इंसान एक जैसे ही होते है. वही दो हाथ, दो पाव, आंखें, कान, चेहरा. सबके एक जैसे ही तो होते है. फिर क्यों कोई एक, सिर्फ एक ऐसा होता है जो इतना प्यारा लगने लगता हैं. की अगर उसके लिए जान भी देनी पड़े, तो हसते हसते दी जा सके...
8/10
दुनिया के सितम याद, ना अपनी ही वफ़ा याद, अब कुछ भी नहीं मुझको मोहब्बत के सिवा याद...
दुनिया के सितम याद, ना अपनी ही वफ़ा याद, अब कुछ भी नहीं मुझको मोहब्बत के सिवा याद...
9/10
हम सैकड़ो जन्म लेते है. कभी पति पत्नी बनकर, कभी प्रेमी बनकर, तो कभी अनजाने बनकर. लेकिन मिलते जरुर है आखिर में. नहीं मिलेंगे तो कहानी खत्म कैसे होगी. इसे प्यार कहते हैं...
हम सैकड़ो जन्म लेते है. कभी पति पत्नी बनकर, कभी प्रेमी बनकर, तो कभी अनजाने बनकर. लेकिन मिलते जरुर है आखिर में. नहीं मिलेंगे तो कहानी खत्म कैसे होगी. इसे प्यार कहते हैं...
10/10
जी करता है तुम्हारी हर ख्वाइश हर इच्छा को अपना मकसद बना लू...
जी करता है तुम्हारी हर ख्वाइश हर इच्छा को अपना मकसद बना लू...