• प्रशासन को नहीं कर्ज बांटने की जानकारी

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गोंदिया. जिले के सहकार विभाग के पास 115 अधिकृत साहूकार पंजीबद्ध है, किंतु कितने किसानों को कर्ज का वितरण किया है, इसकी जानकारी ही उपलब्ध नहीं है. साहूकारों के माध्यम से किसानों को बांटा गया कर्ज का आंकड़ा गुलदस्ते में है. जिले के अनेक किसान बैंक तथा अधिकृत व अनाधिकृत साहूकारों से कर्ज उठाते हैं. इसके लिए आभूषण व खेती तक गिरवी रखी जाती है.

अधिकृत साहूकारों को कर्ज वितरण करने शासन ने दर निर्धारित कर दिया है. बावजूद 5 से 6 प्रश अधिक ब्याज वसूल किया जाता है. वहीं अनाधिकृत साहूकारों का कहीं भी पंजीयन नहीं है. जिससे उन पर किसी का नियंत्रण नहीं रहता है. जिले में ऐसे साहूकारों की संख्या 300 से अधिक है. साहूकार 100 रुपये से करोड़ तक कर्ज बांटते हैं.

उनका ब्याज दर प्रति सैकड़ा 3 से 4 रुपये हैं. जिससे अनेक बार उठाई गई मूल रकम की अपेक्षा ब्याज के साथ अधिक रकम का भुगतान करना पड़ता है. इसमें निराश हुए किसान आत्महत्या करने जैसा बड़ा कदम उठा लेते हैं. इसी तरह अधिकृत साहूकारों को अपनी दूकानों के समक्ष फलक लगाना, उस पर ब्याज की जानकारी लिखना अनिवार्य है.

14 किसानों ने की आत्महत्या

जिले में गत वर्ष 14 किसानों ने सतत फसल नहीं होने व कर्ज के बोझ से त्रस्त होकर आत्महत्या की है. गोंदिया जिला यह प्रमुखता से धान उत्पादकों का जिला है. जिससे खेती के अलावा कोई दूसरा व्यवसाय नहीं है. जिससे अधिकांश किसान मौसम में बैंक व साहूकारों से कर्ज उठाते हैं, लेकिन प्राकृतिक संकट से उनकी फसल का भारी नुकसान हो जाता है. जिससे उन्हें उबरने बहुत समय लगता है. इसमें लिए गए कर्ज का भुगतान करना भी संभव नहीं होता है. जिले में अधिकृत साहूकारों से कषि कर्ज लेने पर वार्षिक 9 प्रश, बिना गिरवी 12 प्रश, बिना कृषि कर्ज के लिए 15 प्रश व बिना कृषि 18 प्रश ब्याज निर्धारित है.