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    गोंदिया. जिला अपर व सत्र न्यायालय की विशेष न्यायाधीश सुभद्रा डी.तुलणकर ने एक विनयभंग प्रकरण पर निर्णय देते हुए आरोपी को 4 वर्ष की कैद सुनाई है. इसमें आरोपी का नाम देवरी तहसील के चिचगड़ पुलिस थाने के अंतर्गत विलास प्रेमलाल टेकाम है.

    बताया जा रहा है कि 18 जून 2015 को दोपहर 3 बजे आरोपी ने पीडि़त नाबालिग को अकेली पाकर उसके घर में घुसकर जबरदस्ती करने का प्रयास कर उसका विनयभंग किया. इस घटना की शिकायत चिचगड पुलिस स्टेशन में की गई थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक पंकज सातपुते ने जांच की थी. 

    इसके बाद एपीआई नागेश भटकर ने न्यायालय में दोषारोपण पत्र दाखिल किया. इस प्रकरण की जल्द गति से सुनवाई के दौरान सरकारी एड. कृष्णा पारधी ने 12 गवाहदारों के बयानों की जांच की. न्यायालय में आरोप सिद्ध होने पर न्यायाधीश तुलानकर ने भादंवि की धारा 354 में 3 माह की सजा व 1 हजार रु. दंड, 452 में 3 वर्ष की सजा व 3 हजार रु. दंड की सजा सुनाई.

    इसी तरह पास्को में 4 वर्ष की सजा व 3 हजार रु. दंड सुनाया है. दंड की रकम का भुगतान नहीं करने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया. इतना ही नहीं उक्त दंड की राशि पीडि़त को देने के आदेश न्यायालय ने दिए है.