सेवा सहकारी संस्था के 59 फर्जी सदस्य बर्खास्त

  • अंतिम मतदाता सूची में शामिल किया था नाम

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आमगांव. ग्राम में सहकार कानून के अनुसार स्थापित संस्था ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को फसल कर्ज उपलब्ध कराती है. साथ ही प्राथमिक सहकारी कृषि पत संस्था के रूप में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पूर्ण करती है, किंतु सेवा सहकारी संस्था मर्यादित सरकारटोला की राजनीति चरम सीमा पर है.

मार्च 2016 में संस्था के सार्वजनिक चुनाव के दौरान इन फर्जी सदस्यों के नाम मतदाता सूची में नहीं थे. बावजूद तत्कालीन चुनाव निर्णय अधिकारी एम.बी. नागपुरे ने संचालक सुभाष आकरे व अन्य 8 संचालकों के 26 जनवरी 2016 के आवेदन पर 59 सदस्यों के नाम गैर कर्जदार गट की अंतिम मतदाता सूची में शामिल किया. उस समय इन सदस्यों को 13 बार मतदान करने का अधिकार था. सूची में नाम शामिल होने के बाद उक्त प्रकरण के आवेदक रामकिशन कापसे व अन्य संचालकों द्वारा वरिष्ठों के पास शिकायत की गई. बावजूद उनके नाम अंतिम मतदाता सूची से नहीं हटाए गए.

सभा में भी गूंजा था मुद्दा
परिणाम स्वरूप आवेदक के खिलाफ पैनल के पसंद के अनुसार मतदान अधिक होने से 5 विरुद्ध 8 ऐसे संचालक पद पर साठगांठ कर चुनाव मजबूरन कराना पड़ा. इसके बाद आवेदकों ने संचालक मंडल में बार-बार इन 59 सदस्यों के बारे में सभा में मुद्दा उठाया.  नियमों के विपरीत शामिल किए गए इन 59 सदस्यों के नाम सूची से हटाने का आग्रह किया गया, किंतु कार्यरत संचालक मंडल में बहुमत होने से ध्यान नहीं दिया गया. मजबूरन प्रकरण के आवेदकों को सहायक निबंधक से शिकायत करनी पड़ी.

जिस पर अधिकारियों ने सभी हित संबंधी सदस्यों को नोटिस भेजकर 5 फरवरी 2020 को 59 में से 55 सदस्य किसान व संस्था के कार्यक्षेत्र के निवासी नहीं होने से महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम 1960 के तहत निर्णय देते हुए उन पर अपात्रता के संदर्भ में उक्त प्रकरण 1960 सुधारित 2013 धारा 22 के तहत जिला उपनिबंधक सहकारी संस्था गोंदिया को पूरी कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया. 

तत्कालीन पदाधिकारी व सचिव पर होगी कार्रवाई
सहकारी कानून के अनुसार व संस्था की उप विधि के नियम 6 (4) के अनुसार संस्था ने सदस्य बनने के लिए पात्र व्यक्ति संस्था के कार्यक्षेत्र का खातेदार या स्थानीय निवासी होना तथा उसके पास न्यूनतम 10 आर जमीन होनी चाहिए, संस्था में 100 रुपये सदस्य फीस व शेअर रकम 100 रुपये जमा करना चहिए. उसके साथ सदस्य पद के सभी नियम व शर्ते पूर्ण करने पर ही उन्हें कानूनन सदस्य समझा जाता है.

निष्कर्ष देते हुए जिला उप निबंधक ने कानून व उप विधि के प्रावधान भंग कर उन्हें नियमों के विपरीत सदस्य बनाने से इन 59 सदस्यों को बरखास्त करने का आदेश 27 जुलाई 2020 को दिया गया. साथ ही नियमों के खिलाफ सदस्य बनाने दोषी तत्कालीन पदाधिकारी व सचिव पर कार्रवाई करने के निर्देश सहायक निबंधक सहकारी संस्था आमगांव ने दिए. उक्त प्रकरण में आवेदनकर्ता की ओर से अभियंता तारेंद्र रामटेके व सदस्य ने सूक्ष्म अध्ययन यशस्वी युक्तिवाद प्रस्तुत कर गैर आवेदक व संस्था की ओर से अभियंता आकरे के युक्तिवाद को पीछे रखते हुए आवेदनकर्ता को न्याय मिला दिया.