suspended,

Loading

गोंदिया. नागझिरा अभयारण्य अंतर्गत वन कर्मियों के वेतन कटौती कर कटौती की रकम संबंधित विभाग के लेखापाल ने अपने स्वयं के खाते में डाल देने का मामला सामने आया हैं. इस प्रकरण में संबंधित लेखापाल के खिलाफ अनुशासन भंग की कार्रवाई कर फौजदारी मामला दर्ज करने की मांग वन कर्मियों ने की है.

बताया जा रहा है कि वनक्षेत्र अधिकारी नागझिरा वन्यजीव अभयारण्य कार्यालय में कार्यरत लेखापाल कविता आगाशे ने वन रक्षक, वनपाल के वेतन कटौती की राशइ स्वयं के बैंक खाते में डालकर हेराफेरी की है. जिससे अन्यायग्रस्त कर्मियों ने आगाशे के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. इस संबंध में नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प के उप संचालक को ज्ञापन भेजा गया है.

अधिकारों का किया दुरुपयोग

वनक्षेत्र नागझिरा वन्यजीव अभयारण्य कार्यालय में कार्यरत लेखापाल कविता आगाशे ने शिकायतकर्ता वन रक्षक प्रदीप भांडारकर, मनोजकुमार येटरे, सीमा फुलसुंगे, राधेलाल राऊत, शामू शरणागत, पवनकुमार कांबले, वनपाल अरुणकुमार माहुले, सुधीर उके, माली दिगंबर सयाम के फरवरी, मई, जून व जुलाई महीनों की वेतन कटौती राशि 13,400 रुपये आगाशे ने कटौती कर स्वयं के बैंक खाते में डाल दी.

अन्यायग्रस्त कर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की. जिसके बाद आगाशे ने वरिष्ठ अधिकारियों को दिए स्पष्टीकरण में घटना मान्य की है. आगाशे ने पद का दुरुपयोग व अधिकार का अनुचित लाभ उठाकर महाराष्ट्र नागरी सेवा (व्यवहार) नियम का भंग किया है. एक ही विभाग में कार्यरत कर्मियों के वेतन से कटौती रकम 13,400 रुपये स्वयं के खाते में डाल दी. 

मुख्यालय छोड़ने से पहले देनी होगी जानकारी

नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र आरक्षित क्षेत्र के वन संरक्षक व क्षेत्र संचालक आर.एम.रामानुजम ने बताया कि इस प्रकरण की जानकारी मिलते ही आगाशे को महाराष्ट्र नागरी सेवा अनुशासन व अपील 1979 के नियम 4 की धारा 1 अनुसार प्रदान किए गए अधिकार का उपयोग कर निलंबित किया गया है. इस आदेश के साथ ही उन्हें नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प उप संचालक साकोली में अटैच किया गया है. इतना ही नहीं आगाशे को मुख्यालय छोड़ते समय वरिष्ठ अधिकारियों को पूर्व सूचना देना जरूरी है.