आखिर किसानों का रास्ता साफ, वन विभाग ने हटाया कम्पाउंड

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    गोंदिया. वन विभाग के नव क्षेत्र वाले कुडवा गांव में वन परिक्षेत्र गोंदिया ने वर्ष 2014-15 इस वर्ष औषधी वन रोपवन नर्सरी में पौधारोपण किया था. जिससे रोपवन के चारों ओर लोहे के एंगल लगाकर तार का कंपाउड बनाया गया. जिससे अधिकारी व कर्मचारियों ने किसानों के आने-जाने का मार्ग बंद कर दिया था. इसका किसानों ने विरोध किया था, लेकिन इस ओर अनदेखी कर खसरा क्र. 109/1 क्षेत्र 6.95 हेक्टेयर आर जगह के अतिरिक्त खसरा 25 में वन विभाग में अतिक्रमण किया. इस तरह एक साथ दो खसरे बंद होने से किसानों ने तहसीलदार गोंदिया से शिकायत कर न्याय की मांग की थी.

    5 वर्षों से अधर में लटका था मामला

    इस पर तहसीलदार के. डी. मेश्राम ने प्रकरण नस्ती कर उप विभागीय अधिकारी के पास अपील प्रकरण दाखिल किया. प्रकरण पुन: जांच के लिए तहसीलदार के पास भेजा गया, लेकिन तहसीलदार ने किसानों का मार्ग खुला करने से इंकार कर 5 वर्षों तक किसानों को अधर में रख दिया. इसी बीच खर्रा स्थित जगन्नाथ रेवतकर के मार्गदर्शन में कुडवा निवासी दिलीप गौतम व अन्य किसानों ने अक्टूबर 2020 में तहसील गोंदिया को निस्तर पत्रक में दर्ज सबूत देकर प्रकरण की जांच कर वन विभाग के अधिकारियों को नोटिस देकर कुड़वा के पटवारी के पास अभिलेख की जांच कर निस्तार पत्रक दर्ज व प्रावधान को ध्यान में रखकर तहसीलदार ए. वी. खडतकर ने किसानों के हित में निर्णय लेकर महाराष्ट्र जमीन राजस्व अधिनियम 1966 की धारा 143 अन्वये 6 वर्ष से बंद मार्ग को खोल दिया है. इस मार्ग के खुल जाने से किसानों को आवागमन में बड़ी राहत मिल गई है.