तिरोड़ा. तहसील के सुकड़ी-डाकराम में पिछले 6 माह से कृषि सहायकों के किसानों को दर्शन ही नहीं हुए है. किसान अनेक योजना व मार्गदर्शन से वंचित है. विशेषकर फिलहाल खरीफ का मौसम शुरू होने से किसानों को मार्गदर्शन की आवश्यकता है.
आदिवासी व नक्सलग्रस्त क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले सुकड़ी डाकराम परिसर के किसान खेती पर निर्भर है. इस बार कोरोना महामारी से किसानों को धान का उत्पादन लेने में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन लॉकडाउन में शासकीय कार्यालय के कर्मचारियों की उपस्थिति वाले नियमों को दरकिनार कर इस क्षेत्र के कृषि अधिकारी, कृषि सहायक पिछले 6 माह से ग्रामों में दिखाई नहीं दे रहे हैं.
फसलों पर मार्गदर्शन की जरूरत
खरीफ का मौसम जोरों से शुरू है जिससे कृषि विभाग की योजना, खेती के नए नए प्रयोग, धान व अन्य फसलों पर कौन से खाद व दवाइयों का छिड़काव करें आदि संबंधी मार्गदर्शन की किसानों को जरूरत है. लेकिन अधिकारी ही नहीं होने से सुकड़ी डाकराम सहित परिसर के आलेझरी, बालापुर, मेंढा, ठाणेगांव, मलपुरी, गराडा, खमारी, चिखली, मेंदीपुर, भिवापुर, इंदौरा, निमगांव, रुस्तमपुर, बोदलकसा, बुचाटोला, खडकी, डोंगरगांव, पिंडकेपार, मंगेझरी, कोडेबर्रा, जिंदाटोला, गोविंदपुर, बेरडीपार, खुर्शीपार, भजेपार, रावणघाटा आदि क्षेत्र के किसानों को लाभ नही मिल रहा है. इस ओर वरिष्ठ अधिकारियों से ध्यान देने की मांग किसानों ने की है.