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गोंदिया. केटीएस जिला सामान्य अस्पताल की एम्ब्युलेंस में ऑक्सिजन सिलेंडर समाप्त हो जाने से एक महिला मरीज की मृत्यु होने की घटना गोंदिया-कोहमारा मार्ग पर मंगलवार को घटी. इस एम्ब्युलेंस पर गोंदिया से नागपुर रेफर की गई दो महिलाओं को ले जाया जा रहा था. इस घटना के बाद 108 क्रमांक की एम्ब्युलेंस की सुरक्षित व्यवस्था को लेकर सवाल खडे हो गए है. एम्ब्युलेंस की नियमित देखभाल व दुरुस्ती नही की जा रही है. जिससे मरीजों को हमेशा लाने ले जाने का कार्य करने वाली एम्ब्युलेंस स्वयं ही बीमार पड़ी है. वहीं मार्ग पर दौडऩे वाली एम्ब्युलेंस कब बंद हो जाएगी इस पर कुछ कहा नही जा सकता.

कोविड कार्य में लगी 8 एम्ब्युलेंस
जिले में कोरोना वायरस ने कहर ढा दिया है. कोरोना पॉजिटिव वाले मरीज शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी मिल रहे हैं. जिससे एम्ब्युलेंस की मांग भी बढ़ गई है. जिला मुख्यालय में विशेष कर शासकीय मेडिकल कॉलेज व केटीएस जिला सामान्य अस्पताल परिसर में सुबह से देर रात तक विशेष हॉर्न के साथ एम्ब्युलेंस की आवाजाही  शुरु रहती है. जिले में 108 क्रमांक की 15 एम्ब्युलेंस में से 8 एम्ब्युलेंस कोविड के काम पर लगाई गई है. लेकिन इनमें  अच्छी सेवा देने में प्रशासन असफल साबित हो रहा है. उल्लेखनीय है कि जिले की 14 लाख जनसंख्या के लिए केवल 108 क्रमांक वाली 15 एम्ब्युलेंस कार्यरत हैं. इसमें 10 ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में क्रमश: 1, जिला सामान्य अस्पताल, बीजीडब्ल्यु शासकीय महिला अस्पताल व उप जिला अस्पताल तिरोड़ा में क्रमश: 1 व एकोडी तथा डव्वा इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को क्रमश: 1 के अनुसार 2 एम्ब्युलेंस दी गई है. 

देखरेख का अभाव
कुल 15 एम्ब्युलेंस के माध्यम से मरीजों को लाने ले जाने का कार्य शुरु है. इस बीच 15 में से 8 एम्ब्युलेंस को वापस मंगाकर उन्हें कोविड के कार्य पर लगाया गया है. उक्त 8 एम्ब्युलेंस दिन में 250 मरीजों के लिए काम कर रही है. इसमें संदिग्ध मरीजों को स्वास्थ्य संस्था में लाने, सुचना के अनुसार उन्हें नमूनों के लिए ले जाने, पुन: कुछ लोगों को घर छोड़ देने जैसे काम इन 8 एम्ब्युलेंस के माध्यम से किया जा रहा है. इस सब के बावजूद बड़ी संख्या में मरीजों की सेवा में  लगी इन एम्ब्युलेंस की देखरेख उचित तरीके से नही हो रही है. इसका कार्य अचानक बढ़ गया है. जबकि उनकी देखरेख के लिए स्वास्थ्य विभाम में समन्वय नही है. इन एम्ब्युलेंस पर काम करने वाले डाक्टर या अन्य वहां की साधन, सामग्री पर ध्यान नही देते है. जिससे मरीजों को अकाल मृत्यु जैसी घटना का शिकार होना पड़ता है. 

जिला समन्वयक ने जताया खेद
जिले में कार्यरत 108 एम्ब्युलेंस के जिला समन्वयक डा.सुलभ रामटेके के अनुसार ऑक्सिजन के अभाव में एक महिला मरीज की मृत्यु हो जाना यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, उन्होंने  घटना पर खेद जताकर बताया कि हमारे अस्पताल में ऑक्सिजन सिलेंडर समाप्त होने से इतनी रात में ऑक्सिजन भर कर लाना संभव नही था. जिससे मेडिकल कॉलेज से ऑक्सिजन सिलेंडर की मांग की गई लेकिन अपूर्ण ऑक्सिजन वाला सिलेंडर पूर्ति किया गया जिससे उक्त घटना घटी.

30 चालक निभा रहे दायित्व
जिले में कोरोना वायरस से उपजी स्थिति के बाद अब तक  जिले में कोविड 19 मरीजों व कोरोना से संबंधित संदिग्ध 5 हजार 500 लोगों को लाने ले जाने का काम इन 8 एम्ब्युलेंस के माध्यम से किया गया है. 15 एम्ब्युलेंस के लिए 30 चालक कार्यरत हैं. 1 एम्ब्युलेंस के लिए 2 चालक है. इसके बावजूद उन्हें 12-12 घंटे की सेवा देनी पड़ रही है. इसी तरह 8 एम्ब्युलेंस कोविड कार्य में लगी होने से 16 वाहन चालकों को भी 12 घंटे का दायित्व सौंपा गया है. 

निजी एम्ब्युलेंस की अधिक मांग
जिला मुख्यालय में बीजीडब्ल्यु शासकीय महिला अस्पताल, केटीएस जिला सामान्य अस्पताल व शासकीय मेडिकल कॉलेज इन तीनों बड़े अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीजों को दाखिल किया जाता है. लेकिन स्वास्थ्य सुविधा पर्याप्त नही होने के साथ ही गंभीर स्थिति में मरीजों को नागपुर रेफर किया जाता है. जिससे मरीजों को नागपुर ले जाने के लिए निजी एम्ब्युलेंस की मांग बढ़ गई है. विशेष बात यह है कि 108 क्रमांक की एम्ब्युलेंस की बजाए निजी एम्ब्युलेंस का परिवहन खर्च भी कम है.