Rajagopal

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गोंदिया. विश्व में सबसे ताकतवर लोग ही हथियार बेचने वाले हैं, उन्हें आतंकवादी चाहिए, नक्सलवादी चाहिए, अहिंसा की बात करने वालों को वे कायर कहते हैं, दम है तो हथियार उठाओं, यह सिखाया जा रहा है, हमारे बच्चे शिकार हो रहे हैं, ट्राय इंडस्ट्रीज में उनका इन्वेस्ट हैं, फिल्मों में अभिनेता व अभिनेत्री को आधुनिक हथियार चलाते हुए दिखाया जा रहा है, अहिंसा के सिध्दांत के लिए हथियारों की स्पर्धा खतरनाक है. ऐसा प्रतिपादन विश्व प्रसिध्द एक्टीविस्ट गांधीवादी विचारक पी.वी. राजगोपाल ने श्री गणेश ग्रामीण विकास शिक्षण संस्था के गोंदिया स्थित विजय बहेकार के कार्यालय में एक चर्चा के दौरान किया.

फॉरेस्ट राईट एक्ट बनाया

उन्होंने बताया कि 2027 में दिल्ली में उनके नेतृत्व में आंदोलन किया गया. इसके बाद फॉरेस्ट राईट एक्ट बनाया गया. हम कानून बनाने में कामयाब हो गए है लेकिन दु:ख की बात यह है कि पहाड़ व जंगल में रहने वालों से प्रमाणपत्र मांगे जा रहे हैं. कानून बन जाने के बाद भी उन्हें हक दिलाना आसान नहीं है. इसी तरह रिफार्म के नाम पर सन 2012 में 1 लाख लोगों की उपस्थिति में आंदोलन किया गया. उस समय आगरा में आंदोलन रोक दिया गया. पूर्व केेंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के माध्यम से आगरा में 10 बिंदूओं पर चर्चा की गई. इसक बाद किसानों की जमीन नहीं छिनने के लिए सन 2013 में नया कानून बना.

अनेकों डकैतों ने किया आत्मसमर्पण

उन्होंने बताया कि वे न्याय व अहिंसा के एजेंडे पर काम कर रहे हैं. गांधीवादी जे.पी.नारायण व सुबोध राव के साथ काम कर मध्यप्रदेश के चंबल क्षेत्र में सन 1972 में बड़ी संख्या में डकैतों का आत्मसमर्पण कराया था. 

विश्व शांति के लिए निकाली यात्रा

विश्व शांति के लिए 11 हजार किमी. की 11 देशों की राजघाट से यात्रा निकाली गई. इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि नेपाल, दुबई, अबुधाबी, आरमेनिया पहुंचे लेकिन कोरोना की वजह से यात्रा रद्द करनी पड़ी. यह यात्रा राजघाट टू जिनेवा तक पैदल यात्रा थी. उनका कहना है कि जिनेवा में वल्र्ड ट्रेड फंड है जहां विभिन्न राष्ट्रों को कर्ज दिया जाता है. इसमें धन का दुरुपयोग किया जा रहा है, वे भारत के 762 जिलों की यात्राएं कर रहे हैं, अब तक 350 से अधिक जिलों का  दौरा कर चुके है.

उनका कहना है कि हर जिले में विजय बहेकार जैसे लोगों की टीम खड़ी कर रहे हैं. इसके बाद  2023 में लाखों लोगों को लेकर बड़ा आंदोलन करेंगे. उनका यह भी कहना है कि अंधे औद्योगिकरण के लिए जमीनों का बड़े पैमाने पर  अधिग्रहण किया जा रहा है. इसी की वजह से किसान आज आंदोलन कर रहे हैं. सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं कर रही है. आदिवासियों के प्रति अवहेलना की भावना है. इसे लेकर हम काम कर रहे है. उन्होंने  बहेकार के कार्य व उपक्रम देखकर उनकी सराहना की. पूर्व नगराध्यक्ष के.बी.चव्हाण, जिप पूर्व सभापति धन्नालाल नागरीकर  आदि उपस्थित थे.